इंटरनेट ऑफ थिंग्स( आईओटी) एवं5 जी जैसी नयी तकनीक के क्षेत्र में सिरमौर बनने की भारत की आंकाक्षाओं की पूर्ति उसके इनके लिए बुनियादी तंत्र विकसित करने और औद्योगिक वातावरण तैयार करने की क्षमता पर निर्भर करेगी। दूरसंचार विभाग की सचिव अरुणा सुंदराराजन ने यह बात कही।
आईओटी जैसी नयी पीढ़ी की तकनीक को मुश्किल बताते हुए अरुणा ने कहा कि सरकार का प्रयास इस उद्योग की वृद्धि को‘ बढ़ावा’ देने वाली एक नीति उपलब्ध कराने का है, ना कि इसके लिए‘ भारी भरकम नियामकीय ढांचा’ लागू करने का।
भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अरुणा ने कहा, ‘‘ मैं इस बात से सहमत हूं कि किसी अन्य देश के मुकाबले भारत का आईओटी और5 जी में बड़ा दांव है क्योंकि हमें युवा आबादी और लोकतंत्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक लंबी छलांग की जरुरत है।’’
आईओटी जैसी तकनीक मशीनों और मानकों के बीच संपर्क करने के तौर- तरीकों को बदल देंगी। यह घरेलू और वैश्विक दोनों स्तर पर नयी सेवाओं और क्षमताओं को पैदा करेगा। अरुणा ने कहा कि हमें ऐसे बुनियादी तंत्र और संपर्क वातावरण की जरुरत होगी जो5 जी और आईओटी को सुविधा प्रदान कर सके।