Facebook का एक और बड़ा डेटा लीक मामला सामने आया है। नए मामले में करीब 53.3 करोड़ (533 मिलियन) यूजर्स के फोन नंबर से लेकर निजी जानकारियां ऑनलाइन लीक हुई है। शनिवार को एक लो लेवल के हैकिंग फर्म ने करोड़ों यूजर्स की निजी जानकारियां फ्री में ऑनलाइन लीक की है। लीक हुई जानकारियां 106 देशों के 53.3 करोड़ यूजर्स के हैं। Also Read - पाकिस्तान में Facebook, Twitter, TikTok, YouTube समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कुछ घंटे के लिए बंद, जानें वजह
फेसबुक के इन नए डेटा लीक में करीब 32 मिलियन अमेरिकी यूजर्स, 11 मिलियन यूके के यूजर्स को 6 मिलियन भारतीय यूजर्स के डेटा हैं। इन डेटा में यूजर्स के फोन नंबर, फेसबुक आईडी, पूरा नाम, लोकेशन, जन्मतिथि (Birthday), बायो आदि शामिल हैं। कुछ यूजर्स के ई-मेल अड्रेस भी इस डेटा लीक में सामने आए हैं। Also Read - Instagram में आ रहा नया फीचर, पोस्ट Like काउंट को छिपा सकेंगे यूजर्स
सोशल मीडिया कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि ये डेटा 2019 में पैच कि वजह से आई गड़बड़ी के कारण स्क्रैप किए गए थे। साइबरक्राइम इंटेलिजेंस फर्म Hudson Rock के CTO Alon Gal ने सबसे पहले Facebook के इस ताजा डेटा लीक के बारे में रिपोर्ट किया है। Alon Gal ने अपने ट्विटर हैंडल से इस मेगा डेटा लीक के बारे में जानकारी शेयर की है। Also Read - TikTok हुआ दुनियाभर में सबसे ज्यादा इंस्टॉल, मार्च में पिछड़ गए WhatsApp, Facebook, Instagram और Messenger
All 533,000,000 Facebook records were just leaked for free.
This means that if you have a Facebook account, it is extremely likely the phone number used for the account was leaked.
I have yet to see Facebook acknowledging this absolute negligence of your data. https://t.co/ysGCPZm5U3 pic.twitter.com/nM0Fu4GDY8
— Alon Gal (Under the Breach) (@UnderTheBreach) April 3, 2021
ऑनलाइन ठगी के लिए हो सकता है इस्तेमाल
Facebook के इस डेटा लीक की वजह से यूजर्स के फोन नंबर हैकर्स के हाथ लग सकते हैं, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी के लिए किया जा सकता है। साइबर सिक्युरिटी फर्म के मुताबिक, Facebook यूजर्स का ये डेटा जनवरी में लीक हुआ था, जिसमें ऑटोमैटेड बॉट की मदद से करोंड़ो फेसबुक यूजर्स के फोन नंबर बेचे जा रहे थे।
जनवरी में लीक हुए Facebook यूजर्स के डेटाबेस को अब ऑनलाइन लीक किया गया है। Alon Gal का दावा है कि ये वही डेटाबेस है जो जनवरी में लीक हुआ था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की गड़बड़ी को अगस्त 2019 में पैच किया गया था, जिसके बाद यह डेटाबेस स्क्रैप किया गया था।
कैम्ब्रिज एनालिटिका मामला
हालांकि, यह पहली घटना नहीं है जब Facebook यूजर्स का डेटा इस तरह लीक हुआ है। इससे पहले 2018 में कैम्ब्रिज एनालिटिका का मामला सामने आया था, जिसमें 80 मिलियन यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल कंपनी के टर्म ऑफ सर्विस का उल्लंघन करते हुए लीक किया गया था। इस डेटा को 2016 अमेरिकी चुनाव में पॉलिटिकल एडवर्टिजमेंट के लिए इस्तेमाल किया गया था। बाद में Facebook के को-फाउंडर मार्क जकरबर्ग को इस डेटा विवाद पर सफाई देनी पड़ी थी।