सरकार ने आरोग्य सेतु (Aarogya Setu) में निजता को लेकर उठाई जा रही चिंताओं को देखते हुये मंगलवार को इसके स्रोत कोड को साफ्टवेयर विकसित करने वाले समुदाय की ओर से जांच – परख के लिये खोलने की घोषणा की। सरकार ने इसके साथ ही इसमें खामियों का पता लगाने वाले को बड़ी राशि का पुरस्कार देने का भी एलान किया है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दुनिया में कोई भी अन्य सरकार इस पैमाने पर इतना खुला रुख नहीं अपनाती है। Also Read - बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने किया आरोग्य सेतू एप को हैक करने का दावा
कोरोना वायरस महामारी से लोगों को सतर्क करने के लिये आरोग्य सेतु (Aarogya Setu) एप की शुरुआत की गई। लेकिन कुछ लोगों ने इस एप के जरिये लोगों के निजी डेटा जुटाये जाने और उनकी निजी जिंदगी के बारे में तांक झांक करने का आरोप लगाया। सरकार ने इन्हीं चिंताओं का समाधान करने के लिये यह कदम उठाया है। इस एप के स्रोत कोड को खोल दिया गया है। Also Read - हैकर्स के दावे को आरोग्य सेतू (Aarogya Setu) ने किया खारिज, कहा - पूरी तरह सुरक्षित है डाटा और एप
कांत ने कहा, ‘‘पारदर्शिता, निजता और सुरक्षा ही आरोग्य सेतु डिजाइन के मूल सिद्धांत हैं। इसके स्रोत कोड को डेवलपर समुदाय के लिये खोल दिये जाने से भारत सरकार की इन सिद्धांतों के दायरे में रहते हुये काम करने की प्रतिबद्धता का पता चलता है। दुनिया में कहीं भी कोई अन्य सरकार स्रोत को इतने बड़े पैमाने पर नहीं खोलती है।’’ नेशनल इंफोमेटिक सेंटर की महानिदेशक नीता वर्मा ने कहा कि इस एप में खामी का पता लगाने वाले लोगों के लिये चार श्रेणी के पुरस्कार रखे गये हैं। Also Read - आरोग्य सेतू एप के जरिए सामने आए तीन कोरोना संक्रमित संदिग्ध
Aarogya Setu में कमी निकालने पर सरकार देगी पैसा
इसमें खामी का पता लगाने और इसके कार्यक्रम सुधार के सुझाव देने वालों के लिये यह पुरस्कार रखे गये हैं। वर्मा ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशीलता को लेकर तीन श्रेणियों में प्रत्येक में एक लाख रुपये का पुरसकार रखा गया है जबकि कोड में सुधार के सुझाव के लिये एक पुरसकार एक लाख रुपये का रखा गया है। आरोग्य सेतु एप 2 अप्रैल 2020 को जारी की गई और इसके वर्तमान में करीब 11.5 करोड़ लोग इस्तेमाल करने वाले हैं।