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हाल ही में फेसबुक के डाटा स्कैंडल के बाद तमाम टेक कंपनियां यूजर्स के डाटा को लेकर सजग हो गई हैं और इसे लेकर कड़े नियम भी बना रही हैं।
एप्पल ने हाल ही में ऐप स्टोर के नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के मुताबिक, एप्पल ने ऐप डवलपर्स के लिए नए दिशा-निर्देश बनाए हैं। इसमें कंपनी ने किसी भी आईफोन यूजर्स के दोस्त के डाटा का इस्तेमाल और उसे साझा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यानी ऐप डेवलपर्स ना ही आईफोन यूजर्स के दोस्तों का डाटा कलेक्ट कर पाएंगे और ना ही उसका इस्तेमाल और उसे साझा कर पाएंगे। Also Read - 12MP+12MP+12MP कैमरा, A15 Bionic चिपसेट और OLED डिस्प्ले वाले iPhone 13 Mini को सस्ते में खरीदने का सुनहरा मौका, Flipkart पर मिल रहा बंपर Discount
Also Read - Apple नहीं बना पाया खुद का 5G मॉडम, 2023 iPhone में भी होगा Qualcomm का चिप Also Read - Apple Back to School Offer: एप्पल फ्री में दे रहा AirPods, iPad और Macbook पर भी मिल रहा भरपूर Discountब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐप स्टोर ने डेवलपर्स के लिए नये दिशा-निर्देश इसलिए बनाए हैं ताकि वो आईफोन यूजर्स का डाटाबेस ना बना सके और ना ही उसका इस्तेमाल और उसे बेच सकें। बता दें कि इस वक्त डिजिटल दुनिया में डाटा ही सबसे अहम है। एप्पल हमेशा यूजर्स को उसके डाटा की सिक्योरिटी की गारंटी देता आया है।
ऐप स्टोर के नए नियमों के मुताबिक एप्पल ने डेवलपर्स को अब एड्रेस बुक के संपर्कों को डाटाबेस में बदलने से प्रतिबंधित कर दिया है। एप्पल ने अपने ऑफिशियल पोस्ट में भी इसका जिक्र किया है। इसमें लिखा गया है कि कॉन्टैक्ट से किसी भी तरह की जानकारी का इस्तेमाल नहीं करना है। इसके अलावा फोटो और दूसरे APIs के जरिए भी किसी तरह की जानकारी का एक्सेस नहीं करना है ताकि डेवलपर्स अपने निजी इस्तेमाल के लिए डाटाबेस ना बन सके। ना ही थर्ड पार्टी को यूजर्स के किसी भी तरह की जानकारी दे सकें।
बता दें कि हाल ही में फेसबुक के डाटा स्कैंडल के बाद तमाम टेक कंपनियां यूजर्स के डाटा को लेकर सजग हो गई हैं और इसे लेकर कड़े नियम भी बना रही हैं। इसी साल मार्च में फेसबुक पर 8.7 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डाटा बेचने का आरोप लगा था। इसे लेकर अभी अमेरिका में जांच चल रही है। फेसबुक ने क्रैंबिज एनालिटिका को यूजर्स का यह डाटा बेचा था जिसका इस्तेमाल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया गया था। इसके बाद एप्पल से लेकर तमाम दूसरी कंपनियां डाटा को लेकर अपनी तमाम पॉलिसी को या तो बदल रही हैं या फिर और कड़ा कर रही हैं।