लॉकडाउन के दौरान नौकरी जाने के चलते कई लोग फाइनेंशियल क्राइसिस का शिकार हुए। इस दौरान इनमें से कई लोगों ने इंस्टैंट लोन ऐप्स (Instant Loan Apps) का सहारा लिया। शुरुआत में सभी के साथ सब ठीक था, लेकिन जैसे जैसे इंस्टैंट लोन ऐप्स (Instant Loan Apps) का खेल आगे बढ़ा तो इनमें से कुछ की जिंदगी जहन्नम, तो कुछ की मौत के दरवाजे पर पहुंच गई। Also Read - Google ने Play Store से खतरनाक 29 Apps (एप्स) को किया डिलीट, क्या आपने भी किया था इन एप्स को डाउनलोड?
इस पूरे स्कैम में एक-दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में लोग फंसे हैं। इंस्टैंट लोन ऐप्स (Instant Loan Apps) के कारण आत्महत्या के 6 मामले सिर्फ तेलंगाना से सामने आए हैं। यह उन मामलों की लिस्ट है, जिन्होंने रिपोर्ट की या जो पुलिस की नजर में आए। बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो इस मामले में चुपचाप सब कुछ सह रहे हैं। Also Read - भारत (India) ने एक बार फिर 47 चाइनीज एप्स (Chinese apps) को डाटा, प्रीवेसी वॉयलेशन के चलते बैन किया
कई लोगों की जा चुकी है जान
इंस्टैंट लोन ऐप्स (Instant Loan Apps) के खेल में फंसे लोगों को ना सिर्फ ज्यादा ब्याज पर लोन भरना पड़ा बल्कि उन्हें जिल्लत भरी एक जिंदगी का सामना भी करना पड़ा। इन ऐप्स (Apps) ने कर्जदारों के फोन से उनकी पर्सनल डीटेल्स तक चुरा ली और इसके सहारे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को बरबाद कर दिया। पुलिस की मानें तो यह एक क्लिक पर लोन प्रदान करते हैं और उस वक्त इंटरेस्ट रेट का खुलासा नहीं करते हैं। अधिकारियों के मुताबिक प्रोसेसिंग फीस, GST आदि को जोड़कर हर हफ्ते ऐप्स 30 फीसदी तक का ब्याज वसूलते हैं। ज्यादातर कर्ज लेने वाले इस जाल से बच नहीं पाते हैं। Also Read - Chinese App पर लगे बैन के बाद भारत में जा रही है लोगों की जॉब
TOI की रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोनिका नाम की एक युवती ने ऐप रिप्रेजेंटेटिव द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली। उसने शुरुआत में सिर्फ 5000 रुपये का लोन लिया था और बाद में उसे एक लोन को क्लियर करने के लिए कई अन्य लोन लेने पड़े। अंत में उसके ऊपर 2.5 लाख रुपये का कर्ज हो गया था, जिसे चुका ना पाने की स्थिति में उसने यह कदम उठाया। वहीं सुनील नाम के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने भी आत्महत्या कर ली। उसने 70 हजार रुपये का उधार लिया था और वह बाद में 2 लाख रुपये हो गया।
Instant Loan Apps: ऐसे फंसते हैं लोग
तेलंगाना का रहने वाला हेमंत भी ऐसी ही एक ऐप (Instant Loan Apps) का शिकार हुआ है। हेमंत एक कोरियर कंपनी में काम करता है और उसने लॉकडाउन के दौरान 5000 रुपये का लोन लिया था। बाद में उसे इस लोन को भरने के लिए ऐसे ही दूसरी ऐप से भी लोन लेना पड़ा। रिकवरी एजेंट्स द्वारा परेशान और प्रताड़ित किए जाने पर उसने अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखकर लगभग 3.2 लाख रुपये का कर्च चुका दिया। हालांकि ज्यादा इंटरेस्ट रेट होने के कारण लोन लगातार बढ़ता रहा।
कर्ज बढ़ने के साथ ही ऐप्स यूजर्स की सोशल मीडिया डीटेल्स, फोन नंबर आदि जानकारी भी फोन से बिना उसकी जानकारी के निकाल लेते हैं। इन जानकारी के सहारे ऐप्स रिप्रजेंटेटिव कर्जदार के दोस्त और रिश्तेदारों को फोन करते हैं, जिससे कर्जदार पर दबाव बढ़ता है।
इस तरीके के ऐप्स की शुरुआत कुछ साल पहले ही हुई और लॉकडाउन के दौरान इनकी मांग में काफी इजाफा हुआ। कई लोग जिनकी नौकरी इस दौरान गई उन्होंने इन ऐप्स से लोन लेना शुरू किया। पिछले साल अप्रैल महीने के बाद से इस तरह के ऐप्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई।
3 चीनियों के साथ 30 लोग हुए गिरफ्तार
साइबराबाद पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पुलिस के सबसे बड़ी मुश्किल मनी ट्रेल को ट्रैक करना है। इंस्टैंट लोन ऐप्स में कई विदेशी नागरिकों का हाथ है। इन विदेशी नागरिकों और उनके बिजनेस मॉडल की जांच की जा रही है। इसके अतिरिक्त पुलिस ने गूगल से 150 लोन ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाने के लिए कहा है, लेकिन अभी तक सिर्फ कुछ ही प्ले स्टोर से हटे हैं। इसके अतिरिक्त तेलंगाना पुलिस ने लगभग 30 लोगों को अरेस्ट भी किया है, जिममें 3 चीनी नागरिक शामिल हैं। गुरुग्राम, बेंगलुरू, हैदराबाद समेत कई जगहों पर मौजूद इन ऐप्स के कॉल सेंटर बंद चल रहे हैं।
21 हजार करोड़ रुपये भेजे गए हैं चीन
अब तक पुलिस ने 1000 करोड़ रुपये का डिस्बर्समेंट पाया है। वहीं हैदराबाद पुलिस ने 21 हजार करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन चार अलग-अलग चीनी कंपनियों में पाया है। इनमें से कुछ ट्रांजेक्शन बिटकॉइन में हुए हैं और उन्हें हवाला के जरिए विदेश भेजा गया है। विभिन्न मामलों में पुलिस ने 110 करोड़ रुपये सीज किए हैं। वहीं मनी लॉन्ड्रिंग वाले मामले की जांच इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट कर रहा है।