CCI (Competition Commission of India) यानी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने इंस्टैंट मैसेजिंग कंपनी WhatsApp को अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी से संबंधित जानकारी मुहैया कराने में देरी करने की वजह से जबाब मांगा है। आयोग ने व्हाट्सऐप द्वारा की जा रही देरी को एंटी ट्रस्ट प्रैक्टिस मानते हुए जांच की है। Also Read - Independence Day 2022: WhatsApp Sticker और GIF के जरिए अपने दोस्तों को कैसे भेजें 'स्वतंत्रता दिवस' की बधाई
बता दें CCI ने पिछले साल मार्च में मैसेजिंग कंपनी द्वारा जारी किए गए नए प्राइवेसी पॉलिसी की जांच बैठाई थी, लेकिन WhatsApp ने CCI को नई प्राइवेसी पॉलिसी से संबंधित डॉक्युमेंट्स यानी दस्तावेजों को न तो अभी तक उपलब्ध कराया है और न ही इसपर जबाब दिया है। Also Read - WhatsApp प्रोफाइल फोटो पर लगा सकेंगे अपना अवतार, जल्द आ रहा मजेदार फीचर
WhatsApp ने कमेंट करने से किया इंकार
ऐसा माना जा रहा है कि Meta की मैसेजिंग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने ज्यातादर भारतीय यूजर्स को नई प्राइवेसी पॉलिसी के तहत वॉलेंटरी आधार पर शिफ्ट कर लिया है। यह भी कहा जा रहा है कि कंपनी इसपर अपने विचार तब तक जाहिर नहीं करेगी, जब तक पार्लियामेंट द्वारा नई डेटा पॉलिसी लागू नहीं की जाएगी। Also Read - WhatsApp ला रहा नया फीचर, मिलेगा मोबाइल नंबर छिपाने का ऑप्शन
CCI का मानना है कि WhatsApp की इस जांच का डेटा प्राइवेसी से कोई लेना-देना नहीं है। आयोग केवल यह पता लगाना चाह रही है कि इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने भारत में अपनी मार्केट डोमिनेंस का गलत इस्तेमाल तो नहीं किया है, या कंपनी ने यूजर्स पर नई प्राइवेसी पॉलिसी मंजूर करने का दबाब तो नहीं बनाया।
ET की रिपोर्ट के मुताबिक, WhatsApp के प्रवक्ता ने CCI द्वारा की गई इस जांच पर किसी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया और कहा कि यह मामला अभी न्यायालय की संज्ञान में है।
भेजे 3 नोटिस का नहीं मिला जबाब
CCI ने WhatsApp को इस जांच से पहले तीन नोटिस भेजे थे, जिनमें दो नोटिस मार्च 2021 में भेजे गए थे, जबकि एक नोटिस जून 2021 में भेजा गया। इसके बाद इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने इसके खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय (दिल्ली हाई कोर्ट) का दरवाजा खटखटाया था। यह केस अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है यानी पेंडिंग है। मैसेजिंग कंपनी को न्यायालय की तरफ से इस जांच को रुकवाने के लिए स्टे नहीं मिला है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने बढ़ाई डेडलाइन
दिल्ली हाई कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, जुलाई 2021 में WhatsApp से कोर्ट नोटिस का जबाब देने और अपने विचार प्रकट करने के लिए कहा गया था, जिसे बाद में 27 अगस्त 2021 तब बढ़ा दिया गया था। इसके बाद कोर्ट ने इंस्टैंट मैसेजिंग कंपनी को जबाब देने के लिए चार और एक्सटेंशन दिए हैं। कंपनी को अपना मत रखने के लिए नई डेडलाइन मिली है, जो 21 जुलाई 2022 तक की है।
क्या है मामला?
पिछले साल आए WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक, यूजर को इसे एक्सेप्ट करना था। जो यूजर इस नई प्राइवेसी पॉलिसी को एक्सेप्ट नहीं करते उन्हें व्हाट्सऐप के मेन फीचर यूज करने में दिक्कत आएगी। जिसको लेकर CCI ने कंपनी पर आरोप लगाया था कि WhatsApp अपनी मार्केट डोमिनेंस का फायदा उठा रहा है और यूजर्स पर नई प्राइवेसी पॉलिसी एक्सेप्ट करने का दबाब बना रहा है।
जुलाई 2021 में WhatsApp ने दिल्ली हाई कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि कंपनी यूजर्स को नई प्राइवेसी पॉलिसी एक्सेप्ट करने के लिए फोर्स नहीं करेगी। अगर, कोई पुराना यूजर कंपनी की नई प्राइवेसी पॉलिसी को एक्सेप्ट नहीं भी करेंगे तो उनके फीचर्स डाउनग्रेड नहीं होंगे।