फैंटसी गेमिंग प्लेटफॉर्म ड्रीम11 (Dream11) ने चीनी कंपनी वीवो की जगह लगभग साढे चार महीने के करार के लिए 222 करोड़ रुपये की बोली के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल किया। ड्रीम11 पहले से ही पिछले कुछ वर्षों से आईपीएल के प्रायोजन से जुड़ा है। Also Read - Google Year in Search 2020: गूगल पर साल 2020 में लोगों ने सबसे ज्यादा क्या खोजा
आईपीएल अध्यक्ष बृजेश पटेल ने बताया, ‘‘ ड्रीम11 (Dream11) ने 222 करोड़ रुपये की बोली के साथ अधिकार हासिल किया है।’’ यह पता चला कि टाटा समूह ने अंतिम बोली नहीं लगाई जबकि दो शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियां बायजूस (201 करोड) और अनएकेडमी (170 करोड़) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहें। भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध के कारण वीवो और बीसीसीआई ने इस सत्र के लिए प्रति वर्ष 440 करोड़ रुपये के करार को निलंबित कर दिया था। Also Read - IND vs AUS 1st ODI Live Streaming today Full Fledge details : कहां, कैसे देखें भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच
Dream11 को मिली IPL का टाइटल स्पॉन्सरशिप
कोविड-19 महामारी के कारण इस बार आईपील को यूएई में 19 सितंबर से खेला जाएगा। ड्रीम11 (Dream11) में चीनी कंपनी टेनसेंट के निवेश को लेकर सवाल उठ रहे हैं लेकिन बीसीसीआई के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि यह 10 प्रतिशत से भी कम है। ड्रीम11 एक भारतीय कंपनी है जिसकी स्थापना हर्ष जैन और भावित शेठ ने की है। बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के एक सूत्र ने बताया, ‘‘ ड्रीम 11 के हितधारकों में शामिल इसके संस्थापक और 400 से अधिक कर्मचारी भारतीय हैं।’’ Also Read - IPL 2020 Final, DC vs MI Live Streaming: कहां और कैसे देखें फाइनल बैटल?
अधिकारी ने बताया, ‘‘ कलारी कैपिटल और मल्टीपल्स इक्विटी उनके भारतीय निवेशक हैं। यहां तक कि ड्रीम11 का उत्पाद का उपयोग विशेष रूप से सिर्फ भारतीयों द्वारा किया जा सकता है। टेनसेंट की हिस्सेदारी का प्रतिशन सिफ ‘एक-अंक’ में है।’’
पिछले महीने की हालांकि बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) ने कंपनी के खिलाफ जांच की मांग की थी। यह कहा गया था कि यह प्लेटफार्म एक नकली टी20 लीग से जुड़ा हुआ था जिसमें पंजाब के एक कस्बे में आयोजित मैच को श्रीलंका का बताकर सीधा प्रसारण किया गया था।
एसीयू की जांच में पता चला है कि टूर्नामेंट में खिलाड़ियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली किट पर ड्रीम11 का लोगो था और इसका प्रसारण फैनकोड पर किया गया था। ड्रीम11 और फैनकोड दोनों ड्रीम स्पोर्ट्स ग्रुप का हिस्सा हैं। बीसीसीआई हालांकि थोड़े समय में एक टाइटल प्रायोजक का प्रबंध करने में सफल रहा लेकिन उसे इससे मिलने वाली रकम वीवो की तुलना में कम है।
टाटा का नाम भी आया था सामने
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘ इस मामले में ऐसी ही उम्मीद थी। जो लोग उम्मीद कर रहे थे कि मौजूदा बोली वीवो के करीब पहुंचेगी वे मौजूदा आर्थिक माहौल से अनजान थे। टाटा समूह ने भले ली इसके लिए ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ दाखिल किया था लेकिन वे बोली लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे।’’ उद्योग के अंदरूनी सूत्र ने बताया, ‘‘बीसीसीआई टाटा की मौजूदगी चाहता था क्योंकि उससे विश्वसनीयता काफी बढ़ती।’’
बीसीसीआई के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि ड्रीम11 के करार से मिलनी वाली आधिकारिक प्रायोजन राशि के अलावा अनएकेडमी और भुगतान ऐप के प्रायोजन पूल में आने से घाटा काफी हद तक कम हो जाएगा। बीसीसीआई के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘चार महीने के समय को सोच कर देखिये और आपको लगेगा कि इतने कम समय के लिए यह खराब सौदा नहीं है।’’