फेसबुक डाटा को लेकर एक के बाद एक कई विवादों में घिरता जा रहा है। कैंब्रिज एनालिटिका मामले में अभी फेसबुक के खिलाफ जांच चल ही रही है कि वहीं अब एक दूसरा मामला उठ खड़ा हुआ है। इसमें फेसबुक पर बिना यूजर्स की अनुमति के डाटा पर निगरानी रखने का आरोप लगा है। हालांकि, फेसबुक का कहना है कि इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है। लेकिन, यह मामला अब कैलिफॉर्निया के शीर्ष कोर्ट में पहुंच गया है। Also Read - Facebook-Instagram से कमाई होगी आसान, Meta ने अनाउंस किए 5 नए फीचर्स
Also Read - Facebook App से फिर कर पाएंगे मैसेज, दोबारा एक होंगे फेसबुक और मैसेंजर ऐपइस मामले में फेसबुक पर आरोप लगा है कि वो अपने एक ऐप के जरिए बिना यूजर्स की अनुमति के उनके और उनके दोस्तों के इंफोर्मेशन को कलेक्ट करता है। CNET की रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक के खिलाफ यह मामला 2015 का है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ यह मामला एक स्टार्टअप कंपनी ने दर्ज करवाया था। यह स्टार्टअप Six4Three है। Also Read - TikTok को पछाड़ने के लिए Facebook करेगा कई बड़े बदलाव, जानें पूरा फ्यूचर प्लान
गार्डियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक डाटा और लोकेशन को ट्रैक करने के लिए कई तरीके अपनाता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेक्स्ट मैसेज, फोन के फोटो और लोकेशन को ट्रैक करने के लिए कई तरीका अपनाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे लेकर अदालत में फेसबुक के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच गोपनीय ईमेल दायर किए गए हैं। हालांकि फेसबुक का कहना है कि वो बिना यूजर्स की सहमति के उनकी कॉल और टेक्स्ट हिस्ट्री को लोग इन नहीं करता है।
इसी साल मार्च में फेसबुक ने कहा था कि वो यूजर्स की सहमति पर उनके कॉल और टेक्स्ट को कलेक्ट करता है। गार्डियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक ने बिना यूजर्स को बताए उनके संदेशों को लॉग इन किया है। इसे लेकर Six4Three ने फेसबुक पर उसके ऐप Pikinis को लेकर मुकदमा किया है। इस ऐप ने यूजर्स की बिकनी फोटो पर जूम इन करने की अनुमति दी थी। इस स्टार्टअप ने फेसबुक पर बिना यूजर्स की सहमति के उसके डाटा कलेक्ट करने का आरोप लगाया था।