माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter इन दिनों किसान आंदोलन की वजह से काफी चर्चा में है। दरअसल, हाल में कई विदेशी सेलिब्रिटीज ने ट्विटर पर किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया। इसमें पॉप स्टार रिहाना, एनवायरमेंट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग समेत कई लोग शामिल हैं। प्रतिक्रिया में कई भारतीय सेलिब्रिटीज ने ट्वीट कर किसान आंदोलन को भारत का आंतरिक मामला बताया। इस पूरे मामले में सरकार ने ट्विटर को चेतावनी के साथ कुछ अकाउंट बंद करने का आदेश दिया। इस पर Twitter ने ब्लॉग लिखकर अपनी बात कही है। Also Read - Twitter CEO के 15 साल पुराने ट्वीट के लिए लगी करोड़ों की बोली
सरकार ने चेतावनी के साथ दिया आदेश
दरअसल, सरकार ने ट्विटर से 1178 अकाउंट बंद करने को कहा जिनसे देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर कथित भ्रामक एवं भड़काऊ सूचनाएं साझा की जा रही हैं। सरकार ने आदेश का अनुपालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है। ट्विटर ने सरकार के आदेश के जवाब में एक ब्लॉगपोस्ट शेयर किया है, जिसमें विस्तार से सारी बात बताई गई हैं। Also Read - Twitter Undo Send Feature: ट्विटर ला रहा बड़े काम का फीचर, अब गलती होने पर Delete नहीं Edit करें Tweet
बुधवार को Twitter ने बताया कि भारत सरकार द्वारा ‘सिर्फ भारत में ही’ कुछ अकाउंट को बंद करने के निर्देश दिए गए थे। जिस वजह से उसने कुछ अकाउंट पर रोक लगाई है। हालांकि, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों एवं मीडिया के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक नहीं किया है क्योंकि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा। Also Read - New IT Rule 2021: सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों की खैर नहीं, सरकार ने बनाए सख्त नियम
सरकार और Twitter आमने-सामने
ट्विटर ने जोर देकर कहा कि वह अपने यूजर्स की अभिव्यक्ति की आजादी अधिकार का समर्थन करना जारी रखेगा। Twitter ने बताया कि Meity के सभी आदेशों के तहत 500 से अधिक अकाउंट पर कार्रवाई की है। इनमें ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करने पर अकाउंट को स्थायी रूप से बंद करने का कदम भी शामिल है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने उन अकाउंट की जानकारी नहीं दी जिनपर कार्रवाई की गई है।
क्यों नहीं ब्लॉक किए गए कई यूजर्स के अकाउंट
ट्विटर ने कहा कि उसने मीडिया संस्थानों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं एवं राजनेताओं के अकाउंट पर कार्रवाई नहीं की है क्योंकि, ऐसा करना अभिव्यक्ति की आजादी का हनन होगा। ट्विटर ने कहा ‘हम नहीं मानते कि जिस तरह की कार्रवाई के निर्देश हमे दिए गए हैं वह भारतीय कानून और अभिव्यक्ति की रक्षा करने के हमारे सिद्धांत के अनुरूप है।’
इसके साथ ही कंपनी ने तर्क दिया कि ऐसा करना भारतीय कानून में मिले अभिव्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन होगा। ट्विटर ने कहा, ‘स्वतंत्र इंटरनेट एवं अभिव्यक्ति के पीछे के मूल्यों पर पूरी दुनिया में खतरा बढ़ रहा है….ट्विटर उन आवाजों को ताकत देने के लिए है जिन्हें सुना जाना चाहिए और हम अपनी सेवाओं में लगातार सुधार करना जारी रखेंगे ताकि सभी -विचारों एवं रवैये से परे- सार्वजनिक बहस में हिस्सा बनने में सुरक्षित महसूस कर सके।’
(भाषा इनपुट के साथ)