Twitter India ने मंगलवार 5 जुलाई को कर्नाटक हाईकोर्ट में MeitY द्वारा IT Rules के तहत कंटेंट हटाए जाने वाले आदेश के खिलाफ रिट पीटिशन यानी समादेश याचिका दायर की है। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने 4 जुलाई को सरकार के आदेश के बाद कुछ विवादास्पद कंटेंट अपने प्लेटफॉर्म से हटाए थे। वहीं, कंपनी ने इन गतिविधियों में शामिल 60 ट्विटर अकाउंट्स भी बैन किए थे। Also Read - Twitter Down होने से दुनिया भर में यूजर्स परेशान, लोडिंग में हो रही थी दिक्कत
केन्द्र सरकार की आईटी मिनिस्ट्री ने 27 जून को नोटिस जारी किया था, जिसमें माइक्रोब्लॉगिंग कंपनी को 4 जुलाई तक IT Rules के तहत कंटेंट और अकाउंट्स पर ऐक्शन लेने के लिए डेडलाइन जारी किया था। इससे पहले 6 और 9 जून को भी सरकार ने ट्विटर को IT Rules के तहत कम्प्लायेंस पूरा करने का नोटिस जारी किया था, जिसे कंपनी ने इग्नोर कर दिया था। Also Read - IT Rules 2021 की वजह से साइबर क्राइम पर लगी लगाम : राजीव चन्द्रशेखर
हालांकि, अमेरिकी माइक्रोब्लॉगिंग कंपनी ने हाईकोर्ट में दायर अपनी रिट पीटिशन में और क्या लिखा है, इसकी पूरी जानकारी फिलहाल नहीं है। ET Telecom की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर का कहना है कि MeitY द्वारा IT Act 2000 के सेक्शन 69A के तहत कंटेंट ब्लॉक करने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन ये कंटेंट सेक्शन 69A के मुताबिक, वाइअलेटिव (Violative) कैसे है यह साफ नहीं है। ट्विटर द्वारा हाईकोर्ट में दायर रिट पीटिशन पर फिलहाल MeitY की तरफ से कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है। Also Read - Elon Musk ने Twitter CEO को दिया ओपन डिबेट का चैलेंज, कही ये बड़ी बात
क्या है मामला?
मई 2022 में केन्द्र सरकार (MeitY) ने Twitter से खालिस्तान और कश्मीर की आतंकी गतिविधियों से जुड़े कंटेंट को प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए कहा था। इसके बाद सरकार ने जून में इस तरह की गतिविधियों में लिप्त 60 अकाउंट्स को भी बैन करने के लिए कहा था। मौजूदा कम्प्लायंस में ट्विटर ने इन अकाउंट्स और कंटेंट्स पर एक्शन लिया है।
26 जून को ट्विटर ने 80 अकाउंट्स की अलग से लिस्ट सबमिट की थी, जिसे सरकार ने 2021 में बैन करने के लिए कहा था। सरकार ने किसान आंदोलन में साथ देने वाले इंटरनेशनल एडवोकेसी ग्रुप फ्रीडम हाउस, जर्नलिस्ट, पॉलिटिशियन और सपोर्टर्स के कई अकाउंट्स को बैन करने का आग्रह किया था।
MeitY ने ट्विटर को 6 और 9 जून को कंटेंट हटाने के लिए नोटिस भेजा था, जिसका जबाब कंपनी ने नहीं दिया था। बाद में 27 जून को मंत्रालय की तरफ से IT Rules के तहत कार्रवाई करने की फाइनल वॉर्निंग दी गई, जिसके लिए 4 जुलाई की डेडलाइन सेट की गई। सरकार ने ट्विटर के चीफ कम्प्लायेंस ऑफिस को अड्रेस करते हुए यह नोटिस जारी किया था। सरकार ने कहा कि कंपनी निर्देशों का उल्लंघन करके IT Act के सेक्शन 69A में दी जाने वाली इम्युनिटी को खत्म कर रही है।
कंपनियों को कोर्ट जाने का अधिकार
केन्द्रीय आईटी मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने मंगलवार को ट्विटर द्वारा कोर्ड का रूख करने वाली बात पर कहा कि भारत में मौजूद सभी प्लेटफॉर्म (विदेशी प्लेटफॉर्म भी) को ज्यूडिशियल रिव्यू का पूरा अधिकार है, लेकिन यहां ऑपरेट करने वाली सभी इंटरमीडियरी या प्लेटफॉर्म्स को यहां के नियमों का पालन करना होगा।