मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) ने अपने सभी मॉडल्स की कीमतें बढ़ा (Vehicle Price Hike) दी हैं। अब कंपनी की गाड़ियों के दाम एक्स शोरूम, दिल्ली की कीमत के मुकाबले 1.3 फीसदी बढ़ गए हैं। मारुति की गाड़ियों में की गई यह बढ़ोतरी 18 अप्रैल, 2022 यानी आज से लागू हो गई है। Also Read - अनोखा जुगाड़! Maruti Suzuki 800 से बना डाली Solar Car, सस्ते दाम में मिलेगा लग्जरी कार वाला फील
देश की सबसे बड़ी कार मेकर मारुति ने वाहनों की कीमत में गई बढ़ोतरी के लिए इनपुट कॉस्ट को जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल, कंपनी ने 6 अप्रैल को ही अपनी गाड़ियों की कीमत बढ़ाने की अनाउंसमेंट की थी। मारुति ने अपनी स्टेटमेंट में कहा था, “पिछले एक साल में अलग-अलग इनपुट कॉस्ट बढ़ने की वजह से वाहनों की कीमत पर असर हुआ है। इसलिए यह जरूरी हो गया है कि कंपनी कीमतों में बढ़ोतरी के जरिए एक्स्ट्रा कॉस्ट का कुछ हिस्सा कस्टमर्स पर डालेगी।” Also Read - Cheapest CNG Cars in India: Maruti Suzuki Alto से लेकर Celerio तक, ये हैं बेहतर माइलेज वाली सस्ती CNG कारें, पेट्रोल की नहीं होगी टेंशन
Maruti Suzuki ने दूसरी बार बढ़ाई वाहनों की कीमत
मारुति सुजुकी की तरफ से साल 2022 में वाहनों की कीमत में किया गया यह दूसरा इजाफा है। इससे पहले कंपनी ने जनवरी में अपने मॉडल लाइन अप में 1.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। उस समय भी कंपनी ने रॉ मटेरियल कॉस्ट बढ़ने की वजह से गाड़ियों के दाम बढ़ाए थे। Also Read - Hyundai Creta को टक्कर देने आ रही New Maruti Vitara! जानें कब होगी लॉन्च
बता दें भारत में मारुति अल्टो, बलेनो, स्विफ्ट, ब्रेजा और एस-क्रॉस जैसी कारें बेचती है।
Maruti Suzuki के अलावा ये कंपनियां भी बढ़ा चुकी हैं दाम
मारुति सुजुकी इंडिया इस साल वाहनों की कीमतें बढ़ाने वाली देश की अकेली वीइकल कंपनी नहीं है। इससे पहले 14 अप्रैल को महिंद्रा एंड महिंद्रा ने गाड़ियों के दाम में 2.5 फीसदी का इजाफा किया था। इसके बाद से महिंद्रा की कारों का एक्स शोरूम प्राइस 10,000 रुपये से 63,000 रुपये तक बढ़ गया है। वहीं हीरो मोटोकॉर्प ने 5 अप्रैल को अपनी गाड़ियों के दाम बढ़ाए थे।
इसके अलावा ऑडी इंडिया, BMW, टाटा मोटर्स और टोयोटा इंडिया ने 1 अप्रैल, 2022 को वाहनों की कीमत बढ़ाई थी।
इस वजह से भारत में महंगी हो रहीं गाड़ियां
भारत में वाहनों की बढ़ती कीमत स्टील, एल्युमीनियम, पैलेडियम जैसी धातुओं और दूसरे इनपुट मटेरियल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी का नतीजा है। वहीं नए कैलेंडर ईयर और नए फाईनेंशियल ईयर में वाहनों की कीमत बढ़ाना अब वीइकल कंपनियों के लिए आम हो गया है।