क्या आपने कभी गाड़ियों में लाल या पीले रंग के टायर (Vehicle Tyres) देखे हैं? या कभी सोचा है कि गाड़ियों को खरीदते वक्त टायर का कलर चुनने का ऑप्शन क्यों नहीं मिलता है? या फिर क्या आपको मालूम है कि टायरों का रंग अक्सर काला (Black Tyre) ही क्यों होता है? ज्यादातर लोगों के पास इस सवाल का जवाब ना में होगा। Also Read - Moto Morini: अब भारत में मिलेंगी इस विदेशी कंपनी की धांसू बाइक्स, Honda CB500X से होगी टक्कर
यहां हम आपको इन सभी सवालों का जवाब देंगे। इससे पहले आपको एक दिलचस्प बात और बता देते हैं- टायरों का असली रंग सफेद होता है और 125 साल पहले गाड़ियों के टायर का रंग सफेद ही होता था। अब बात आती है कि टायरों का रंग सफेद से काला क्यूं होने लग गया? जानिए इसके बारे में… Also Read - जल्द आने वाली है 2022 Kawasaki Ninja 400, जबरदस्त लुक के साथ मिलेगी दमदार पावर
टायर का असली रंग सफेद होता है
टायर बनाने के लिए जिस Rubber का इस्तेमाल होता है, वह सफेद रंग की होती है। हालांकि सिर्फ रबड़ मटेरियल से बने टायर मजबूत नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा रबड़ मटेरियल उतना मजबूत नहीं होता कि यह वीइकल्स के वजन को सके और इससे रोड परफॉर्मेंस भी खराब होती है। Also Read - OMG! 10 रुपये के 60000 सिक्कों से खरीदी Maruti Suzuki Eeco, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान
जाहिर है टायर गाड़ियों का जरूरी हिस्सा होता है और ड्राइवर की सेफ्टी के लिए इनका स्ट्रोंग होना सबसे जरूरी है। ऐसे में इन्हें मजबूती देने के लिए सफेद रबड़ के साथ कुछ दूसरे मटेरियल को मिलाया जाता है।
इस वजह से काले रंग के होते हैं टायर
टायरों को मजबूत बनाने के लिए इसमें सफेद रबड़ के साथ ब्लैक कार्बन को मिक्स किया जाता है। ऐसा करने से टायर की मजबूती और लाइफ दोनों बढ़ जाते हैं। कार्बन की इन खूबियों की वजह से इसे टायरों में इस्तेमाल किया जाना बेहद जरूरी है और इसी वजह इनका रंग काला होता है।
कार्बन के इस्तेमाल से क्या-क्या होते हैं फायदे
सेफ ड्राइविंग के लिए गाड़ियों में मजबूत टायर का होना जरूरी है। ऐसे में कार्बन का उपयोग टायरों को यूवी और ओजोन रेडिएशन से सुरक्षित रखता है। इसके अलावा गाड़ियों में इस्तेमाल हुए पार्ट्स की हीट को कम करने में कार्बन काफी काम आता है। इतना ही नहीं कार्बन की वजह से गर्म सड़कों पर भी टायर पिघलते नहीं हैं।