Apple एक बार फिर से एक नए लॉसूट में फंस गया है। ब्रिटेन के एक कंज्यूमर राइट्स चैम्पियन ने कंपनी से 750 मिलियन यूरो (लगभग 6161 हजार करोड़ रुपये) की राशि क्लेम की है। कंज्यूमर राइट्स एक्टिविस्ट का कहना है कि कंपनी ने उसके पुराने iPhone मॉडल्स की परफॉर्मेंस स्लो कर दी है। Also Read - Apple नहीं बना पाया खुद का 5G मॉडम, 2023 iPhone में भी होगा Qualcomm का चिप
जस्टिन गटमैन नाम के कंज्यूमर राइट्स एक्टिविटस्ट ने कहा है कि Apple ने जान-बूझकर पुराने iPhone की परफॉर्मेंस स्लो कर दी है, ताकि यूजर्स नए अपग्रेड्स इंस्टॉल कर सके और परफॉर्मेंस इंप्रूव कर सके। जस्टिन ने दावा किया है कि एप्पल ने कभी भी यूजर्स से यह नहीं कहता है कि अपडेट की वजह से उनके डिवाइस स्लो हो जाएगी। साफ्टवेयर अपडेट के साथ एक छिपा हुआ टूल होता हैजो आईफोन की बैटरी को प्रभावित करता है, ताकि नए ऑपरेटिंग सिस्टम की डिमांड की जा सके। Also Read - Apple Back to School Offer: एप्पल फ्री में दे रहा AirPods, iPad और Macbook पर भी मिल रहा भरपूर Discount
एप्पल ने आरोपों को सिरे से नकारा
Apple ने स्टेटमेंट जारी करके कहा कि हम कभी भी और कभी ऐसा जानबूझकर एप्पल प्रोडक्ट की लाइफ को कम करेंगे या उसके यूजर एक्सपीरियंस को डिग्रेड करेंगे। हमारा मुख्य लक्ष्य ऐसा प्रोडक्ट बनाना होता है, जिसे हमारे कंज्यूमर्स पसंद कर सके और हम आईफोन को ऐसा बनाते हैं, ताकि वो जितना ज्यादा हो चल सके। Also Read - इस Spyware ने हैक किए Apple और Android स्मार्टफोन, मैसेज और कॉन्टैक्ट हुए चोरी
हालांकि, गटमेन ने कम्पीटिशन अपील ट्रिब्यूनर के सामने 25 मिलियन आईफोन यूजर्स को हो रही इस परेशानी के एवज में 768 मिलियन यूरो की राशि क्लेम की है।
पहले भी दायर हुए मुकदमे
यह मामला एप्पल आईफोन के लिए साल 2017 में रोल आउट हुए पावर मैनेजमेंट टूल से संबंधित है, जो पुराने आईफोन की परफॉर्मेंस को सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए स्लो डाउन बनाता है।
एप्पल ने यूजर्स को मिसलीड करते हुए यानी बहकाते हुए फ्री रिप्लेसमेंट और रिपेयर सर्विस कंपसेशन के तौर पर ऑफर कर रहा है, जबकि कंपनी के सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ ऐसा टूल जुड़ा है, जो डिवाइस की परफॉर्मेंस को 58 प्रतिशत तक कम कर देता है।
गटमैन ने केस फाइल करते हुए कहा कि मैं यूके के iPhone यूजर्स की तरफ से कंपनी पर यह केस फाइल कर रहा हूं, ताकि जो भी Apple के इस एक्शन से पीड़ित हैं, उन्हें न्याय मिल सके।
बता दें कि जब यह मामला उजागर हुआ था तो कंपनी ने यूजर्स से माफी मांगी थी और बैटरी रिप्लेसमेंट में लगने वाली कीमत को कम किया था और यूजर्स को पावर मैनेजमेंट टूल को मैनुअली बंद करने की भी सलाह दी थी।
इस पावर मैनेजमेंट टूल की वजह से साल 2020 में भी अमेरिका में Apple ने अपने आईफोन यूजर्स को 500 मिलियन डॉलर कंपनी के पुराने मॉडल्स पर देने का वादा किया था। इसके अलावा उसी साल फ्रांस की ऑथिरिटी ने भी एप्पल पर 25 मिलियन यूरो जुर्माना लगाया था। कंपनी पर दायर केस में Apple के iPhone 6, 6 Plus, 6S, 6S Plus, SE, 7, 7 Plus, 8, 8 Plus और iPhone X मॉडल यूज करने वाले यूजर्स की तरफ से कंपन्सेशन की मांग रखी गई है।