प्रवर्तन निदेशालय :ईडी: 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में 19 आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती देगा। निदेशालय ने आज कहा मनी लांड्रिंग एक अलग ‘अपराध’ है, इसी आधार पर फैसले को चुनौती दी जाएगी। Also Read - Top-5 Alternatives of OnePlus Nord 2T: Samsung Galaxy M53 5G से लेकल iQOO Neo 6 5G तक ये हैं OnePlus Nord 2T के बढ़िया विकल्प
Also Read - OnePlus Nord 2T First Look: 80W चार्जिंग और 50MP कैमरा के साथ आया वनप्लस का नया फोन, पिक्चर्स में देखें डिजाइनएजेंसी सूत्रों ने कहा कि अपील के पीछे आधार यह है कि अदालत मनी लांड्रिंग रोधक कानून :पीएमएलए: के तहत स्वतंत्र जांच के जरिये जुटाए गए प्रमाणों को इस आधार पर खारिज नहीं कर सकता कि सीबीआई ने जो मुख्य मामले की जांच की है वह आधारहीन पाई गई है। Also Read - Infinix Note 12 5G स्मार्टफोन 12 जुलाई को होगा भारत में लॉन्च! मिलेंगे ये दमदार स्पेसिफिकेशन
ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर 2जी घोटाले में मनी लांड्रिंग का मामला दायर किया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि विशेष सीबीआई अदालत ने आज जो फैसला दिया उसमें कई तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया गया। इससे मनी लांड्रिंग को एक अलग अपराध माना जा सकता था।
एजेंसी ने कहा कि इस मामले में आरोप निर्धारण के समय इसी अदालत ने ईडी के जांचकर्ताओं द्वारा रखे गए प्रमाणों की सराहना की थी। निदेशालय ने कहा कि मनी लांड्रिंग रोधक कानून के तहत अभियोजन की शिकायत पर फैसला करते समय इन्हीं तथ्यों पर विचार नहीं किया गया। ईडी ने कहा कि उसने तथ्यों तथा कानूनी आधार पर विशेष अदालत के इस फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है।