जैसा कि हम सब कयास लगा रहे थे, गूगल की डेवलपर कांफ्रेंस I/O 2017 के पहले दिन, गूगल ने अपने नए एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम की घोषणा आधिकारिक तौर पर कर दी है, और ये नया OS है एंड्राइड ‘O’। गूगल ने इसके कुछ बहुत उपयोगी फीचर जैसे Fluid Experiences को भी शामिल किया है। इसके साथ ही बता दें कि इसमें आपको पिक्चर-टू-पिक्चर, नोटिफिकेशन डॉट्स, गूगल के साथ ऑटोफिल और स्मार्ट टेक्स्ट सिलेक्शन जैसे फीचर मिल रहे हैं। इसके अलावा एंड्राइड ‘O’ TensorFlow लाइट टेक, कुछ सुरक्षा के बढ़िया फीचर को बढ़ाना, नए डेवलपर टूल और नई प्रोग्रामिंग भाषा को भी शामिल किया है। आइये यहाँ आपको इनके बारे में विस्तार से बताते है। Also Read - गामा पहलवान का आज 144वां जन्मदिन, गूगल ने डूडल बनाकर दिया सम्मान
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Fluid Experiences
एंड्राइड ‘O’ के साथ गूगल ने नोटिफिकेशन एक्सपीरियंस को नोटिफिकेशन डॉट्स के साथ थोडा सा ट्विक किया है। अब यूजर्स किसी भी आइकॉन पर लॉन्ग प्रेस करके किसी भी नोटिफिकेशन को देख पाएंगे। इसके अलावा इस नए OS में आपको पिक्चर-इन-पिक्चर का सपोर्ट भी मिल रहा है।
इसके अलावा गूगल के साथ ऑटोफिल नामक एक नया फीचर भी आपको इसमें देखने को मिलेगा। ये कुछ ऐसा ही है जैसा गूगल आपके डेस्कटॉप के साथ करता है। ऑटोफिल आपके ऐप्स के लिए पासवर्ड को याद रख सकता है, इससे आपका लॉग इन आसान हो जाता है। इसके अलावा एंड्राइड ‘O’ में आपको स्मार्ट टेक्स्ट सिलेक्शन फीचर भी मिल रहा है, जो मशीन लर्निंग पर आधारित है, और ये बढ़िया से काम करता है।
#AndroidO will bring more fluid experiences to mobile screens, along with improved "vitals" like battery life and security. #io17 pic.twitter.com/GdhPChWpAr
— Google (@Google) May 17, 2017
Vitals
गूगल ने एंड्राइड ‘O’ के Vitals की भी चर्चा की है. जो असल में OS की सुरक्षा और इसके ऑप्टिमाइजेशन को सही प्रकार से चलाने का काम करता है। सुरक्षा की द्रष्टि से गूगल ने अब इस नए OS में ऐसे फीचर शामिल किये हैं जिनके माध्यम से आप सभी ऐप्स को स्कैन भी कर सकते हैं। ऐसे भी कह सकते हैं कि अगर आप किसी भी ऐप को प्ले स्टोर से अपलोड कर रहे हैं तो उसे आप स्कैन करके अपने डिवाइस की सुरक्षा को पुख्ता कर सकते हैं। हालाँकि इसे किसी भी रूप में एक नया फीचर नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि गूगल प्ले स्टोर पर सभी ऐप्स को सुरक्षा की द्रष्टि से अनालाईज़ किया जाता है।
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इस OS का एक अन्य Vital OS का ऑप्टिमाइजेशन है, क्योंकि इसे फ़ास्ट बूस्ट टाइम की तरह दो बार बूट किया जा सकता है। इसके अलावा कंपनी ने ये वादा भी किया है कि उन्हें इसके रनटाइम में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। एंड्राइड ‘O’ शानदार गार्बेज कलेक्शन दिए गए है।
TensorFlow Lite
एंड्राइड ‘O’ में इतना सब लाने के साथ साथ कंपनी ने इसमें TensorFlow Lite टेक को भी जोड़ा है, यह कंपनी का नया न्यूरल नेटवर्क API है, जो इस अगली पीढ़ी के OS को शक्ति प्रदान करता है। इस फीचर के माध्यम से आप स्पीच रिकग्निशन, ऑगमेंटेड रियलिटी ऐप्स और डिवाइसेस जैसे फीचर का सपोर्ट ले सकते हैं।
Kotlin
इसके अलावा गूगल ने Kotlin प्रोग्रामिंग भाषा की भी घोषणा की है। एंड्राइड रनटाइम को फूली सपोर्ट करती है, और डे 1 के लिए प्रोडक्शन के लिए तैयार है। गूगल JetBrains के साथ काम कर रहा है, इससे एंड्राइड डेवलपमेंट के लिए Kotlin को इस्तेमाल किया जाएगा।
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