इस समय देश में पॉर्न वेबसाइट पर बैन का मुद्दा सबसे बड़ा चर्चा का विषय बना हुआ है। आपको बता दें कि हाल ही में कोर्ट के अॉर्डर के बाद कई टेलीकॉम कंपनियों ने अपने नेटवर्क पर पॉर्न वेबसाइट पर बैन लगा दिया है। इनमें रिलायंस जियो, वोडाफोन और एयरटेल जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं। रोक लगने के बाद से ही देश में इस मुद्दे पर काफी बड़ी बहस चल रही है। कुछ लोग इसे सही फैसला कह रहे हैं तो वहीं कई लोग एेसे भी हैं, जो इसे गलत फैसला बता रहे हैं। Also Read - FAUG Game को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स, मात्र एक दिन में हुआ इतना ज्यादा डाउनलोड
Also Read - Motorola Edge S स्मार्टफोन हुआ लॉन्च, इसमें है 64MP कैमरा और 5000mAh की बैटरीजहां एक ओर भारत में टेलीकॉम कंपनियां इस फैसले का स्वागत कर रही हैं तो कई डेवलपर्स और पॉर्न वेबसाइट्स इस बैन को किसी ना किसी तरह से नाकाम करने में लगे हैं। आपको बता दें कि बैन के बाद एक पॉप्यूलर पॉर्न वेबसाइट ने ट्वीट के जरिए कहा कि “वे इस बैन से हताश हैं और वह अपने फैंस के दुख को समझते हैं”। इस वेबसाइट ने अपने यूजर्स के लिए उसी ट्वीट में एक नया लिंक भी दिया है जो किसी भी टेलीकॉम अॉपरेटर के इंटरनेट के जरिए ओपन हो रहा है। Also Read - 108MP कैमरे वाले Xiaomi Mi 10 का एक और सस्ता वेरिएंट जल्द हो सकता है लॉन्च
इसी तरह कई VPN ब्राउजर एक्सटेंशन और मोबाइल एेप भी है जो यूजर के IP एड्रेस को छिपा देती है और उन्हें दूसरे देश के सर्वर के जरिए इन बैन हुई पॉर्न वेबसाइट का एक्सेस दे देती है। यूजर्स इन VPN एेप्स का इस्तेमाल कर टेलीकॉम और ब्रॉडबैंड कंपनियों के द्वारा बैन की गई वेबसाइट को आराम से चला रहे हैं। इससे पहले भी कई बार कोर्ट के अॉर्डर के बाद पॉर्न पर बैन लगाया गया है, लेकिन सरकार और टेलीकॉम कंपनियां इसको पूरी तरह से लागू करने में असफल रही थी।
दरअसल, भारत में पॉर्न को ज्यादा देखें जाने की एक वजह पिछले कुछ समय से टेलीकॉम और ब्रॉडबैंड कंपनियों द्वारा दिए जाने वाला सस्ते डाटा को भी माना जा रहा है। इसमें कोई शक नहीं है कि टेलीकॉम सेक्टर में क्रांति मचाने वाली रिलायंस जियो की एंट्री के बाद डाटा इतना सस्ता हो गया है कि अब हर कोई अपने मोबाइल पर बिना किसी टेंशन के वीडियो देखता है। इस कांप्टीशन के कारण सभी टेलीकॉम कंपनियों ने अपने डाटा को बेहद सस्ता कर दिया है।
हाल ही में वीडियो मार्केटिंग एनालिटिक फर्म Vidooly के CEO ने एक रिपोर्ट दी थी, जिसके मुताबिक, 2016 से 2017 के बीच भारत में ऑनलाइन पॉर्न व्यूअरशिप में 75% का इजाफा हुआ है। इसके अलावा अब लोग पॉर्न साइट पर 60% अधिक टाइम खर्च कर रहे हैं। इसके अलावा एक जो बात सामने आई है उसमें पता चला है कि 80% एडल्ट कंटेंट को शॉर्ट फॉर्म में देखते है।
आपको बता दें कि एक रिपोर्ट यह भी है कि ज्यादातर साइट्स अभी भी चाइनीज मोबाइल इंटरनेट कंपनी UCWeb’s UC ब्राउजर पर एक्सेसबल हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पॉर्न बैन को असफल करने के पीछे काफी हद तक कुछ डेवलपर्स और कुछ बाहरी वेबसाइट्स और ब्राउजर का हाथ भी है।