दूरसंचार नियामक ट्राई जल्द ही एक ऐसी प्रणाली लाएगा जिससे अपनी सेवा या परिचालन बंद करने वाली दूरसंचार कंपनियों को अपने प्रीपेड ग्राहकों को उनके खाते की बकाया राशि लौटानी होगी। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने पीटीआई भाषा को यह जानकारी दी। Also Read - 5G in India: सितंबर से ले सकेंगे सुपरफास्ट 5G सर्विस का आनंद, जानें 5 अहम बातें
Also Read - TRAI करेगा स्पेशल ऑडिट, मोबाइल नंबर पोर्टिंग में 'खेल' करने वाली कंपनियों पर गिरेगी गाजउन्होंने कहा कि इस बारे में कई तरीकों पर विचार किया जा रहा है जिनमें से एक यह है कि ऐसी दूरसंचार कंपनियां अपने प्रीपेड ग्राहकों के खाते में बची राशि को सीधे उनके आधार सम्बद्ध बैंक खातें में डाल दे। Also Read - Truecaller जैसे ऐप्स की बंद होगी 'दुकान', अब अपने आप पता चलेगा फोन करने वाले का असली नाम
शर्मा ने कहा, ‘हमारा रुख पूरी तरह स्पष्ट है कि हम ऐसा तरीका निकाल लेंगे जिससे यह सुनिश्चित हो कि ग्राहकों को उनका पैसा वापस मिले। हम इसके लिए प्रक्रिया व प्रणाली तय करेंगे। इस बारे में विशेष दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।’
बता दें कि दूरसंचार नियामक ट्राई ने पिछले दिनों सुझाव दिया था कि दूरसंचार विभाग को एनसीएलटी की मंजूरी के बाद लाइसेंसों के विलय व स्थानांतरण को मंजूरी देने के लिए 30 दिन तक की निश्चित समयसीमा तय करनी चाहिए। नियामक ने अपने नये सुझावों में देश में दूरसंचार कारोबार के लिए नियमों के सरल बनाने पर जोर दिया है और कहा है कि इस क्षेत्र की छुपी हुई वृद्धि को बल देने के लिए इस तरह के उपाय जरूरी है।
भारतीय दूरसंचार नियामक व विकास प्राधिकार (ट्राई) ने कहा है, दूरसंचार विभाग को लाइसेंसों के स्थानांतरण या विलय को लिखित मंजूरी देने के लिए निश्चित समय सीमा तय करनी चाहिए जो कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से मंजूरी के बाद 30 दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसे विलय व अधिग्रहण दिशा निर्देशों का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।