एक रिपोर्ट के अनुसार भारत द्वारा 2030 तक 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन बेड़े की ओर कदम बढाए जाने से इस खंड की बैटरियों के लिए 300 अरब डालर का बाजार विकसित हो सकता है। सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग और रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट की रपट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। Also Read - यूनीक स्टीयरिंग वाली Lexus RZ 450e ने की एंट्री, सेकेंडों में तय करेगी लंबी दूरी
इसके अनुसार उस समय तक इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी की वैश्विक मांग का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा भारत से आएगा और स्वच्छ ईंधनकी ओर बढ़ने से बैटरी बनाने के कारखाने लगाने के लिए 100 अरब डालर के निवेश की जरूरत होगी। Also Read - MG Motor India की सस्ती इलेक्ट्रिक कार, कब होगी लॉन्च? नई रिपोर्ट में हुआ खुलासा
रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहन बेचने की अपेक्षा के अनुसार भारत दुनिया में बैटरी विनिर्माण में प्रमुख देशों में शामिल हो सकता है। रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक वाहन के लिए सरकार के लक्ष्य को महत्वाकांक्षी बताते हुए कहा गया है कि इससे लागत में कमी आएगी और उत्पाद तेज होगा। Also Read - Tata Nano से भी छोटी है इलेक्ट्रिक कार Toyota C+ Pod, रेंज और टॉप स्पीड है जबरदस्त