ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने पॉपुलर ई-कॉमर्स कंपनी Amazon के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत जांच शुरू की है। अमेजन पर Future Retail Limited के साथ डील में फेमा नियमों के उल्लंघन का आरोप है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। Also Read - 64MP कैमरा, 6GB, 33W फास्ट चार्जिंग और 32MP सेल्फी कैमरा वाला Xiaomi Redmi Note 9 Pro Max हुआ सस्ता, 727 रुपये EMI पर खरीदने का मौका
दरअसल, अमेजन ने Reliance Group द्वारा फ्यूचर रिटेल के अधिग्रहण को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हाल में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि तीन समझौतों के माध्यम से अमेजन ने सरकार की अनुमति के बिना फ्यूचर ग्रुप पर नियंत्रण हासिल करने का प्रयास किया है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स (वाणिज्य मंत्रालय) के निर्देश और दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद ईडी ने अमेजन के खिलाफ यह जांच शुरू की है। Also Read - 4GB RAM, 48MP कैमरा, 5000mAh से ज्यादा बैटरी वाले 5 सबसे सस्ते स्मार्टफोन, कीमत 12 हजार रुपये से कम
अमेजन ने क्या कहा?
Amazon India ने ED की जांच की जानकारी नहीं होने की बात कही है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि उन्हें अमेजन के खिलाफ ईडी के किसी नए के केस की जानकारी नहीं है। वहीं, रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ईडी पूरे मामले की जांच करने की सोच रही है और अमेजन व अन्य हितधारकों से जानकारी मांगेगी। Also Read - 4G Spectrum 2021 की नीलामी पूरी, Jio और Airtel ने 5G की ओर बढ़ाए कदम
क्या है मामला?
फ्यूचर ग्रुप ने अगस्त में घोषणा की थी कि वह फ्यूचर रीटेल समेत अपनी 5 लिस्टेड कंपनियों की फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड में विलय कर रही है। इसके बाद रीटेल बिजनस को रिलायंस ग्रुप को ट्रांसफर किया जाएगा। इसके बाद अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप की इकाई फ्यूचर कूपंस लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी को आधार बनाकर फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुए सौदे का विरोध किया।
इस मामले को लेकर अमेजन ने सिंगापुर इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) में याचिका दायर की। इसके बाद एसआईएसी ने आदेश दिया था कि उसका अंतिम फैसला आने तक फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच सौदे को आगे नहीं बढ़ाया जाए। हाल में सेबी ने फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस के सौदे को मंजूरी दे दी है। वहीं, अमेजन ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपील की है कि अदालत सिंगापुर इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन सेंटर के फैसले को लागू करने का आदेश देते हुए फ्यूचर-रिलायंस सौदे पर रोक लगाए।