अगर आप तनाव, चिंता और अवसाद से दूर रहना चाहते हैं तो अपने फोन का ई-मेल बंद रखें और इसका कम से कम इस्तेमाल करें। यकीनन इसके आपके जीवन में खुशियां वापस लौट आएंगी। एक नए शोध के अनुसार, ई-मेल संचार का एक बेहतरीन माध्यम है, लेकिन यह हताशा और तनाव का श्रोत भी है। Also Read - भारत में हो सकता है चाइनीज साइबर अटैक का हमला, Email खोलते समय बरतें सतर्कता
करीब 2 हजार लोगों पर किए गए सर्वेक्षण में लंदन फ्यूचर वर्क सेंटर ने पाया है कि जिन व्यक्तियों को लगातार ई-मेल प्राप्त होते रहते हैं, उनमें ई-मेल के दबाव से गुजरने की संभावना ज्यादा होती है। Also Read - सावधान! ब्लैकमेलिंग के लिए प्रति घंटे 30 हजार मेल भेज रहा मेलवेयर
इसके अलावा अध्ययन में बताया गया है कि ई-मेल जांचते वक्त रात और सुबह का समय भी उच्च दबाव और तनाव के कारणों से जुड़ा है। हालांकि आप कितना दबाव महसूस करते हैं और कितना सहन कर सकते हैं, यह आपके व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। Also Read - डेली 40% Email को अनदेखा करते हैं ज्यादातर एंप्लॉयीज
अब 140 से 10,000 कैरेक्टर्स में कर पाएंगे ट्विट
इस अध्ययन के मुख्य लेखक रिचर्ड मैककिनन ने बताया, “हमारा शोध दर्शाता है कि ई-मेल दोधारी तलवार है। यह संचार का मूल्यवान तरीका है, लेकिन यह अवसाद, दबाव और तनाव का जनक भी है।”
रिचर्ड कहते हैं, “जिन लोगों ने इसे बहुत उपयोगी बताया था उन्हीं लोगों ने इसके द्वारा होने वाले उच्च दबाव की शिकायत की है।” अध्ययन के अनुसार, ई-मेल के उच्च दबाव से अन्य कर्मचारियों की तुलना में प्रबंधकों को अधिक दो-चार होना पड़ता है।
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रिचर्ड के अनुसार, “सुविधाजनक होने की वजह से हमने भावात्मक प्रतिक्रियाओं को तकनीक के माध्यम से संचारित करने की आदत विकसित कर ली है, लेकिन यही सुविधा हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है।”
हाईटेक होते इस युग में इस समय हर काम में तकनीक ने अपनी पैठ बिठा रखी है ऐसे में यही तकनीक लोगों के स्वास्थ्य पर हावी होती जा रही है।