स्मार्टफोन आज सबकी जरूरत बनता जा रहा है। ऐसे में स्मार्टफोन के बिना एक पल की कल्पना करना मुश्किल है। तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी के चलते आज फोन काफी ज्यादा स्मार्ट हो गए हैं। ऐसे में कंपनियां नए-नए बदलाव करती रहती हैं। स्मार्टफोन ने लोगों की जिंदगी जितनी आसान की है उसके खतरे भी उतने ही बढ़ते जा रहे हैं। कंपनियां जितनी तेजी से फोन को सिक्योर बना रही हैं उतने ही वायरस के अटैक बढ़ते जा रहा हैं। ऐसा ही एक वायरस कॉलरस्पाई (CallerSpy) इन दिनों काफी सुर्खियों में है। Also Read - Monokle Malware : चुपके से पूरा फोन स्कैन कर लेता है ये खतरनाक वायरस
इस कॉलरस्पाई वायरस का खतरा Android स्मार्टफोन यूजर्स पर है। इंटरनेट सिक्योरिटी फर्म TrendMicro के रिसर्चर्स ने एक ब्लॉग पोस्ट में इस वायरस के बारे में जानकारी दी है। उनके मुताबिक यह CallerSpy वायरस यूजर्स का डाटा चुराता है। Also Read - 9 करोड़ रुपये में बिका ये लैपटॉप, इसमें मौजूद हैं दुनिया के 6 सबसे खतरनाक वायरस
ऐसे चुराया जाता है डाटा
यह वायरस स्मार्टफोन में आते ही यूजर के फोन में हर एक्टिविटी का स्क्रीनशॉट लेते है, जिसका पता यूजर को नहीं चलता है। यह वायरस स्क्रीनशॉट को रिमोट सर्वर पर भेज देता है। किसी यूजर के फोन पर इंस्टॉल होने के बाद यह वायरस यूजर के फोन से कई तरह की डाटा चुराता है। इस तरह यूजर का डाटा हैकर्स तक पहुँच रहा है। रिसचर्स का यह भी कहना है कि हैकर्स इस डाटा को ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं। Also Read - मोबाइल में एंटीवायरस ऐप्स डाउनलोड करने से पहले इस खबर को जरूर पढ़ लें
Google Play Store से दूर है ये वायरस
TrendMicro के रिसचर्स ने बताया कि यह वायरस इंटरनेट से APK फाइल डाउनलोड करने के दौरान यूजर्स के फोन में इंस्टॉल हो जाता है। रिसचर्स का यह भी कहना है कि फिलहाल यह वायरस Google Play Store में नहीं है। ऐसे में गूगल प्ले स्टोर की जगह इंटरनेट से ऐप डाउनलोड करने वाले यूजर्स को इस वायरस से ज्यादा खतरा है।
iOS और Windows फोन में भी आ सकता है वायरस
यह वायरस फिलहाल Android स्मार्टफोन के लिए ही आया है। ट्रेंडमाइक्रो के रिसचर्स का दावा है कि यह वायरस जल्द ही iOS और Windows पर रन करने वाले स्मार्टफोन यूजर को अपना शिकार बना सकता है।
ऐसे करें बचाव
इस तरह के वायरस से बचाव का तरीका है कि यूजर को अपने स्मार्टफोन में कोई भी ऐप Google Play Store से ही इंस्टॉल करनी चाहिए। इंटरनेट पर मौजूद थर्ड पार्टी ऐप स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करने के कई तरह के वायरस फोन में आ जाते हैं। इन वायरस की मदद से हैकर्स यूजर का डाटा चोरी करते हैं।