रकार जल्द ही देश में मानव रहित विमानों (ड्रोन) की उड़ान को आसान बनाने के लिए नियामकीय ढांचा ला सकती है। संभावना है कि अक्तूबर माह से देश में असैन्य उद्देश्यों के लिये ड्रोन विमानों की उड़ान को मंजूरी दे दी जाए। वर्तमान में नागर विमानन महानिदेशालय के नियमानुसार आम नागरिकों के ड्रोन का इस्तेमाल करने पर रोक है। Also Read - Bharat Drone Mahotsav 2022: पीएम मोदी ने किए कई बड़े ऐलान, कहा- ड्रोन टेक्नोलॉजी में भारत बनेगा 'विश्व गुरु'
Also Read - Snapchat ने लॉन्च किया उड़ने वाला एक 'छोटू और धांसू' कैमरा, इसके फीचर्स जानकर दंग रह जाएंगे आपनागर विमानन सचिव आर. एन. चौबे ने कहा कि मंत्रालय एक ऐसी प्रणाली लाने पर काम कर रहा है जिसमें असैन्य ड्रोन के लिए पंजीकरण और उड़ान की अनुमति ऑनलाइन दी जायेगी। Also Read - शाओमी ने लॉन्च किया Fimi X8 SE 2020 ड्रोन, जानें क्या है कीमत और फीचर्स
चौबे ने कहा, ” हम असैन्य उद्देश्यों के लिये ड्रोन के ऑनलाइन पंजीकरण की प्रणाली पर काम कर रहे हैं। ऑनलाइन पंजीकरण और उड़ान की इजाजत अक्तूबर से मिलनी शुरू हो जाएगी। अक्तूबर के बाद से असैन्य उद्देश्यों के लिये ड्रोन भारतीय आकाश में उड़ान भरने लगेंगे।” मौजूदा समय में ड्रोन का उपयोग और खरीद-बिक्री विमानन नियमों के दायरे में नहीं आता है। अक्तूबर 2014 में नागर विमानन महानिदेशालय ने आम लोगों के ड्रोन इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी। नवंबर 2017 में नागर विमानन मंत्रालय ने आम लोगों या असैन्य उद्देश्यों के ड्रोन इस्तेमाल करने के लिए नियमों का मसौदा जारी किया।
मसौदा नियमों के अनुसार ड्रोन विमानों को विशेष पहचान संख्या दी जाएगी जबकि 250 ग्राम से कम वजन वाले नैनो ड्रोन को एक बार की अनुमति से छूट दी जा सकती है। इसमें कई ऐसे प्रावधानों का प्रस्ताव है जो यह सुनिश्चित करेंगे कि ड्रोन का इस्तेमाल केवल किसी उपयुक्त काम के लिए ही हो। वहीं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से 50 किलोमीटर का दायरा ‘ ड्रोन वर्जित ’ क्षेत्र होगा। गौरतलब है कि नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में एक 13 सदस्यीय कार्यबल देश में मानव रहित हवाई तकनीक को लागू करने का खाका तैयार करने की प्रक्रिया में है।