फेसबुक के चुनाव में दुरुपयोग को रोकने के लिए इलेक्शन कमीशन ने इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्स से देश में मतदान से 48 घंटे पहले पॉलिटिकल एड हटाने के लिए कहा है। बता दें कि साल 2004 में स्थापना के बाद फेसबुक इस साल सबसे ज्यादा विवादों में रहा है। क्रैंबिज एनालिटिका डाटा लीक विवाद के बाद दुनियाभर की सरकारों ने फेसबुक के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने का फैसला लिया है। Also Read - Messenger चैटबॉट की मदद से चल रहा नया स्कैम, Facebook अकाउंट झटके में होता है हैक
Also Read - Facebook Groups में आ रहा Discord का सबसे बेहतरीन फीचर, जानें क्या होगा खास Also Read - Facebook-Instagram से कमाई होगी आसान, Meta ने अनाउंस किए 5 नए फीचर्सइसी कड़ी में भारत भी चुनाव में फेसबुक के दुरुपयोग को रोकना चाहता है। यही वजह है कि चुनाव आयोग ने वोटिंग से 48 घंटे पहले फेसबुक से सभी राजनीतिक विज्ञानपनों को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए कहा है। हालांकि, फेसबुक ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बता दें कि फेसबुक पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के आरोप लगे हैं। अमेरिका में फेसबुक के खिलाफ जांच चल रही है। क्रैबिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने फेसबुक के 8 करोड़ से ज्यादा यूजर्स की जानकारी चुराकर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित किया था। इस संबंध में भारतीय चुनाव आयोग ने एक समिति का गठन किया था।
समिति की चार जून की बैठक में जनप्रतिनिधित्व कानून -1951 की धारा -126 पर विचार किया गया। बैठक में फेसबुक के प्रतिनिधि ने इस बात पर सहमति जतायी कि वह अपने पेज पर एक विंडो या बटन उपलब्ध कराने पर विचार करेगा जिस पर चुनाव कानूनों के उल्लंघन की शिकायत की जा सकेगी। फेसबुक के प्रतिनिधि ने इस बात पर भी सहमति जतायी कि यदि उसके उपयोक्ताओं द्वारा पोस्ट की जाने वाली सामग्री की समीक्षा करने वालों की संख्या मौजूदा 7,500 से अधिक भी की जा सकती है। चुनाव के समय इस संख्या में परिवर्तन किया जा सकता है।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा -126 मतदान से 48 घंटे पहले किसी भी तरह के चुनाव प्रचार को प्रतिबंधित करती है ताकि मतदाता को निर्णय करने का समय मिल सके। फेसबुक के प्रतिनिधि ने बैठक में कहा कि सामग्री के खिलाफ शिकायत फेसबुक के पेज पर ही की जा सकती है और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इसकी समीक्षा की जाएगी। यदि यह सामग्री अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन करने वाली पायी जाती है जो इसे फेसबुक के पेज से हटा दिया जाएगा। वहीं यदि चुनाव आयोग या उसके कर्मचारी किसी सामग्री को लेकर नियमों के उल्लंघन की शिकायत करते हैं तो इस पर तेजी से निर्णय किया जाएगा।
(एजेंसी इनपुट)