Facebook, Instagram और WhatsApp की पैरेंट कंपनी Meta पर 8 मुकदमे दायर किए गए हैं। कंपनी पर आरोप है कि इनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के एल्गोरिदम (Algorithm) की वजह से युवाओं पर प्रतिकुल प्रभाव यानी बुरा असर पड़ रहा है। मेटा के खिलाफ ये सभी मुकदमे घरेलू मार्केट यानी अमेरिका में दायर किए घए हैं। Also Read - WhatsApp बिजनेस अकाउंट में जुड़ेगा नया Author Name सेक्शन, ऐसे करेगा काम
Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सप्ताह Facebook की पैरेंट कंपनी पर ये मुकदमे दायर किए गए हैं। कंपनी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स- फेसबुक और इंस्टाग्राम के एडिक्शन यानी लत की वजह से युवाओं ने आत्महत्या करने की कोशिश की है। साथ ही, उनमें इटिंग डिसऑर्डर और स्लिपलेसनेस यानी कम सोने की बीमारी समेत कई बुरे लक्षण देखे गए हैं। Also Read - Instagram पर अपने पसंदीदा कमेंट को ऐसे करें पिन, दिखेगा सबसे ऊपर
ऐप के एल्गोरिदम की वजह से युवा हो रहे प्रभावित
Beasley Allen लॉ फर्म के प्रिंसिपल एटॉर्नी Andy Birchfield ने कहा कि, इन ऐप्स को कम से कम पोटेंशियल हार्म को देखते हुए डिजाइन करना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद इसे ऐस बनाया गया है, जिससे युवा प्रभावित हो रहे हैं। Also Read - WhatsApp पर आ रहा नया फीचर, अब Google Drive से एक्सपोर्ट कर सकेंगे सभी पुरानी चैट्स
Facebook owner Meta has been hit with eight different lawsuits in the last week alleging that its platforms are designed to lure young people into addictive patterns that are hazardous to their health https://t.co/tcM8wRJ6kh
— Bloomberg (@business) June 8, 2022
दायर किए गए मुकदमें में Meta और Snap Inc. पर पहले से चल रहे कुछ मुकदमों को आधार बनाया गया है, जिनमें अपनी जान गंवाने वाले बच्चों के पैरेंट्स ने दायर किया था। यह मुकदमा पिछले दिनों कंपनी द्वारा युवाओं पर ऐप के मानसिक प्रभाव को नकारने के बाद दायर किया गया है।
Meta के प्रवक्ता ने कहा
Meta के प्रवक्ता ने कंपनी पर दायर मुकदमे पर किसी भी तरह का कमेंट करने से इंकार किया और बताया कि कंपनी ने पैरेंट्स के लिए एक टूल डेवलप किया है, जिसके जरिए वे अपने बच्चों की गतिविधियों (Activities) पर नजर रख सकते हैं। इसके अलावा Instagram पर टाइम लिमिट सेट करने का भी फीचर जोड़ा गया है। साथ ही, मेटा अपने यूजर्स को “Take A Break” फीचर भी ऑफर करता है ताकि यूजर किसी भी समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ब्रेक ले सकते हैं।
कंपनी के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि 13 साल से कम आयुवर्ग के बच्चे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइन-अप नहीं कर पाए इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल भी डेवलप किया जा रहा है। साथ ही, कंपनी सेंसेटिव कंटेंट, इटिंग डिसऑर्डर जैसे कंटेंट को यूजर्स के लिए खोजना मुश्किल कर रहे हैं।
Meta पर दायर मुकदमे में एक केस नाओमी चार्ल्स नाम की 22 वर्षीय युवती ने फाइल किया है। नाओमी जब माइनर थीं तब से वह Meta प्लेटफॉर्म्स को यूज कर रही हैं। अपने केस में नाओमी ने बताया कि सोशल मीडिया की वजह से उसे सुसाइड अटेम्प्ट समेत कई और दुष्प्रभाव झेलने पड़े हैं। कंपनी पर ये मुकदमे मयामी के साथ-साथ टेक्सस, टेंसी, कोलोराडो, डेलावेर, फ्लोरिडा, जार्जिया, इलिनोइस और मिसौरी में दायर किए गए हैं।