पिछले 21 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में अब टेलिकॉम कंपनियां भी कूद गई हैं। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानून, 2020 के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसान पिछले 21 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। विरोध कर रहे किसानों का मानना है कि सरकार बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये कृषि कानून लेकर आई है। आंदोलन कर रहे किसान Reliance के सभी प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इसी क्रम में पिछले दिनों Boycott Reliance Jio भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा है। Also Read - Jio फ्री में दे रहा है Netflix, Amazon Prime और Disney+ Hotstar VIP, ऐसे करें अप्लाई
Reliance Jio के इस विरोध को देखते हुए कंपनी ने आरोप लगाया है कि उसकी प्रतिद्वंदी कंपनियां Airtel और Vi (Vodafone–Idea) ने उसके खिलाफ ये नकारात्म अभियान चला रही है। Jio ने इन प्रतिद्वंदी कंपनियों पर आरोप लगाया है कि ये किसानों को उनके नंबर Airtel और Vi में पोर्ट कराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। Jio के नंबर को अन्य ऑपरेटर में पोर्ट कराना भी जारी किसान आंदोलन को समर्थन होगा। Also Read - 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया JioMeet वीडियो कॉलिंग ऐप
TRAI को लिखा पत्र
Jio ने इसके संबंध में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) एक पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है। Jio ने Airtel और Vi के खिलाफ कड़ी कारवाई की मांग की है। Jio ने कहा है कि प्रतिद्वंदी कंपनियों के इस रवैये से उनके कर्मचारियों की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। Jio ने ये भी आरोप लगाए हैं कि इससे पहले भी Airtel और Vi ने कई बार इस तरह की अनैतिक और प्रतिस्पर्धा रोधी मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) अभियान चलाया है। Jio का कहना है कि ये दोनों कंपनियां मौजूदा किसान आंदोलन का लाभ उठाना चाह ही है। Also Read - Jio ने 11 रुपये वाला प्रीपेड प्लान किया रिवाइज, अब मिलेगा दोगुना से भी ज्यादा डेटा
Airtel, Vi ने आरोप को बताया बेबुनियाद
वहीं Airtel और Vi ने जियो के इन आरोपों को ‘आधारहीन’ बताते हुए इन्हें खारिज किया है। भारती एयरटेल ने ट्राई (TRAI) को लिखे पत्र में इन आरोपों को आधारहीन बताया है। पत्र में कहा गया है, ‘कुछ प्रतिद्वंद्वी आधारहीन आरोप लगाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। हमने हमेशा अपना कारोबार पारदर्शिता से किया है। हम जिसके लिए जाने जाते हैं, उस पर हमें गर्व है।’ Vi के प्रवक्ता ने भी इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि कंपनी पूरी नैतिकता के साथ कारोबार करने में विश्वास करती है।
दरअसल, 2016 में Reliance Jio के भारतीय टेलिकॉम सेक्टर में कदम रखने के बाद कई टेलिकॉम कंपनियां या तो बंद हो गई हैं या फिर अन्य कंपनियों में विलय हो गई है। Jio के लॉन्च होने के बाद से अन्य टेलिकॉम कंपनियों के यूजर्स की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। अपनी सस्ती सर्विस देने की वजह से Jio के यूजर्स लगातार बढ़ रहे हैं, जिसका नुकसान अन्य टेलिकॉम कंपनियों को उठाना पड़ा है। 2016 से भारतीय टेलिकॉम सेक्टर में जारी इस प्रतिस्पर्धा से अब किसान आंदोलन भी अछूता नहीं रहा है।