साल 2015 में GainBitcoin नाम का एक घोटाला शुरू हुआ। यह एक क्रिप्टो पिरामिड पोंजी स्कीम थी, जिसके पीछे मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज था। इस शख्स ने उन निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बिटकॉइन-आधारित एक निवेश योजना शुरू की, जिन्हें क्रिप्टो दुनिया के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं थी। भारद्वाज को मार्च 2018 में इस स्कैम के लिए गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इस घोटाले का पैमाना अब उजागर हो रहा है। Also Read - Cryptocurrency Prices Today: कई दिनों की गिरावट के बाद संभला क्रिप्टो मार्केट, जानें टॉप करेंसी की कीमत
IANS की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस स्कैम में लगभग 1 लाख लोगों को ठगा गया। खबर के मुताबिक, इस घोटाले में लोगों को हुए नुकसान की रकम 1 ट्रिलियन रुपये या 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। रिपोर्ट बताती है कि घोटाले के संबंध में 40 से अधिक FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें से ज्यादातर (13) महाराष्ट्र में दर्ज की गई हैं। Also Read - Crypto Crash: Bitcoin और Ethereum में 41 प्रतिशत तक गिरावट, जानें नई कीमत
GainBitcoin Crypto Scam
GainBitcoin Crypto Scam के मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज की इसी साल के शुरू में दिल के दौरे से मौत हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, भारद्वाज ने बिटकॉइन को 3.85 लाख रुपये से 6 लाख रुपये के बीच इकट्ठा किया था, जिसकी कीमत मौजूदा वक्त में 1 ट्रिलियन रुपये या 1 लाख करोड़ रुपये है। यह कीमत तब है, जब Bitcoin अपने 51 लाख रुपये के ऑल टाइम हाई वैल्यू से उतरकर 16 लाख रुपये पर ट्रेड कर रहा है। Also Read - Top Cryptocurrency Prices Today: मार्केट ने दिया भारी नुकसान, Bitcoin फिसलकर पहुंचा ₹17 लाख
पुलिस ने GainBitcoin Crypto Scam से जुड़े 60,000 से अधिक आईडी और ईमेल खोजे हैं।
क्या है GainBitcoin घोटाला
सभी पिरामिड पोंजी स्कीम की तरह GainBitcoin घोटाले में भी लोगों को उनके निवेश पर अवास्तविक रिटर्न का लालच दिया। इस स्कैम में अमित भारद्वाज के पास सात लोग थे, जिन्हें ‘सेवन स्टार्स’ कहा जाता था। ये अधिक लोगों को GainBitcoin पिरामिड स्कीम के तहत जोड़ने के लिए जिम्मेदार थे।
इस Crypto Scam में तब निवेशकों को 18 महीने की अवधि के लिए उनके निवेश पर 10% मासिक रिटर्न देने का वादा किया था। उदाहरण के लिए, अगर आप 1,000 रुपये का निवेश करते हैं, तो आपको 18 महीने की अवधि के लिए प्रति माह 100 रुपये का भुगतान मिलता।
घोटाले की वर्तमान जांच
भारद्वाज को मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था। इस साल मार्च में, ED ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह GainBitcoin घोटाले के एक आरोप को निर्देश जारी करे कि वो अपने क्रिप्टो वॉलेट का एक्सेस प्रदान कराए। ED ने कहा कि चूंकि यह एक पोंजी स्कीम है इसलिए इस मामले में “क्रिप्टो मुद्रा की वैधता” का मुद्दा नहीं उठता है। ED ने हलफनामे में कहा:
“अब तक की गई जांच से पता चला है कि अमित भारद्वाज (जिनकी इस साल जनवरी में मृत्यु हो गई) ने याचिकाकर्ता, विवेक भारद्वाज, महेंद्र भारद्वाज और अन्य की मिलीभगत से, यानी मल्टी-लेवल मार्केटिंग एजेंटों और सहयोगियों ने अपराध की आय के रूप में 80,000 बिटकॉइन एकत्र किए हैं।”
ED ने दावा किया था कि कार्डिएक अरेस्ट से मरने वाले मास्टरमाइंड के भाई के पास क्रिप्टो वॉलेट का यूजरनेम और पासवर्ड है। विभाग चाहता था कि भाई जांच अधिकारी को क्रेडेंशियल्स प्रदान करे।
इस मामले में ED की जांच अभी भी चल रही है। मामले में अभी कई क्रिप्टो वॉलेट का पता लगाया जाना बाकी है। इसी महीने की शुरुआत में ED ने 1 लाख से अधिक निवेशकों के कथित घोटाले की जांच के तहत दिल्ली सहित छह स्थानों पर छापेमारी की थी।