Google Chrome ग्लोबली सबसे ज्यादा यूज किया जाने वाला वेब ब्राउजर है। क्रोम ब्राउजर डेस्कटॉप के साथ-साथ यह मोबाइल डिवाइसेज पर भी काम करता है। ज्यादा यूजर्स होने की वजह से इस ब्राउजर पर साइबर अटैक का खतरा बना रहता है, जिसके लिए Google समय-समय पर Chrome के नए वर्जन रोल आउट करता रहता है। यही नहीं, ब्राउजर में नए फीचर्स भी जोड़े जाते हैं। Also Read - Google Chrome Extensions की मदद से आप पर रखी जा रही नजर, जानें कैसे बचें
Google Chrome ब्राउजर के लिए नए नोटिफिकेशन ब्लॉकिंग फीचर पर काम किया जा रहा है, जो यूजर को अनचाहे और स्पैम नोटिफिकेशन्स से बचाएगा। आइए, जानते हैं गूगल क्रोम ब्राउजर के इस नए अपकमिंग फीचर के बारे में। Also Read - Amazon की पूर्व महिला इंजीनियर को कोर्ट ने 10 करोड़ यूजर्स का डेटा चोरी करने का पाया दोषी
पॉप-अप नोटिफिकेशन्स के लिए उठाए सख्त कदम
जब भी आप Google Chrome पर कोई वेबसाइट ओपन करते हैं तो कई तरह के पॉप-अप नोटिफिकेशन आते हैं। ये पॉप-अप नोटिफिकेशन आम तौर पर यूजर को जरूरी जानकारियां देने के लिए होते हैं, लेकिन साइबर अपराधी मेलवेयर के जरिए यूजर को अनचाहे लिंक्स इस पॉप-अप नोटिफिकेशन के जरिए रिले करते हैं। यूजर्स बिना कुछ सोचे इन पॉप-अप नोटिफिकेशन को परमिशन भी दे देते हैं। ऐसे में यूजर डेटा चोरी होने का खतरा हो सकता है। Also Read - How to turn on and off Caption Feature in Chrome on Android: इस तरह क्रोम पर ऑन और ऑफ करें कैप्शन
Google ने पिछले कुछ सालों में मिसलीडिंग पॉप-अप नोटिफिकेशन्स को बंद करने पर काम किया है। यही नहीं, गूगल यूजर को भी इन पॉप-अप नोटिफिकेशन्स से बचने के लिए एडवाइजरी जारी करता है। इस बार टेक कंपनी ने नोटिफिकेशन स्पैम को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।
क्या है नया कोड चेंज?
9To5Google की रिपोर्ट के मुताबिक, Google Chrome के कोड में किए गए एक नए बदलाव में वेबसाइट के नोटिफिकेशन्स को अपने आप ब्लॉक कर दिया जाएगा। यूजर को इसे मैनुअली ब्लॉक नहीं करना पड़ेगा। नए कोड चेंज के मुताबिक, गूगल उन वेबसाइट के नोटिफिकेशन्स फीचर को अपने आप ब्लॉक कर देगा, जो यूजर से किसी भी तरह की परमिशन मांगते हैं।
इसका सबसे बड़ा फायदा यूजर्स को होगा। अगर, कोई यूजर गलती से किसी पॉप-अप नोटिफिकेशन पर क्लिक भी कर देते हैं तो उसे किसी भी तरह की परमिशन नहीं मिलेगी। यही नहीं, नुकसान पहुंचाने वाले वेबसाइट्स के नोटिफिकेशन्स भी अपने आप ब्लॉक कर दिए जाएंगे। ऐसे में साइबर हमलों और डेटा चोरी का खतरा कम हो जाएगा।