Google Doodle for Today (17th Feb): गूगल का आज का डूडल चेचक का टीक (Chickenpox Vaccine) बनाने वाले जापानी वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर मिचियाकी ताकाहाशी (Michiaki Takahashi) के लिए है। Google, Doodle के जरिए आज Michiaki Takahashi का जन्मदिन मना रहा है। इन्होंने मेडिकल साइंस में अहम योगदान दिया है। आइये, आज का गूगल डूडल (Today’s Google Doodle) और डॉक्टर के बारे में कुछ खास बातें जानते हैं। Also Read - How to Use Gmail Offline: बिना इंटरनेट के इस तरह यूज करें जीमेल, बहुत आसान है तरीका
Google Doodle: कैसा है आज का गूगल डूडल?
आज के गूगल डूडल में आपको डॉक्टर और बच्चे दिखेंगे। डूडल में एक जगह डॉक्टर बच्चे को टीका लगाते हुए दिख रहे हैं। वहीं, एक जगह एक बच्चा दिख रहा है, जिसको चेचक है। इसके अलावा टीके की बॉटल रखी हुईं भी दिखाई दे रही हैं। गूगल डूडल को देखकर समझर आ रहा है कि यह किसके लिए है। यह डूडल आर्टिस्सट Tatsuro Kiuchi ने बनाया है। Also Read - Google Talk के बाद Hangouts भी हो रहा बंद, जानें अब कौन लेगा इसकी जगह
कौन थे Dr. Michiaki Takahashi?
Google ने डॉक्टर मिचियाकी के 94वीं जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए डूडल बनाया है। मिचियाकी का जन्म 17 फरवरी, 1928 में जापान के ओसाका में हुआ था। यह 1974 में चिकनपॉक्स की वैक्सीन बनाने वाले पहले व्यक्ति है। उन्होंने ओसाका विश्वविद्यालय से अपनी मेडिकल की डिग्रा प्राप्त की। इसके बाद वे सन 1959 में ओसाका विश्वविद्यालय के माइक्रोबियल रोग अनुसंधान संस्थान में शामिल हो गए हैं। 1963 में मिचियाकी ने संयुक्त राष्य अमेरिका के बायलर कॉलेज में एक रिसर्च फेलोशिप की। इससे पहले ने खसरा और पोलिया जैसी खतरनाक बीनारियों का अध्ययन कर चुके थे। अमेरिका में रिसर्च फेलोशिप करने के दौरान ही उनके बेटे को चेचक हो गया और उन्होंने इस बीमारी के खिलाफ वैक्सीन ढूंढना शुरू कर दिया। इसने उन्हें वैक्सीन खोजने के लिए प्रेरित किया। Also Read - Google Doodle Today: जानें कौन थीं Anne Frank, जिन्हें आज खास डूडल बनाकर गूगल ने किया सम्मानित
मिचिकायी 1965 में जापान आ गए और यहां आकर उन्होंने जानवरों और मानव ऊतकों में जीवित कमजोर चिकनपाक्स वायरस पर रिसर्च शुरू कर दी। सन 1974 में मिचियाकी ने पहला टीका बना लिया। इम्यूनोसप्रेस्ड रोगियों पर रिसर्च की गई और वे उस समय काफी प्रभावी थे। इसके बाद 1986 में रिसर्च फाउंडेशन फॉर माइक्रोबियल डिजीज ने जापान में वैरिसेला वैक्सीन का वितरण करना शुरू कर दिया। तब से लेकर अब लाखों लोगों को यह टीका लग चुका है। कुछ सालों बाद वे ओसाका विश्वविद्यालय के माइक्रोबियल डिजीज स्टडी ग्रुप के निदेशक बन गए और रिटायरमेंट तक इस पद पर बने रहे। उनकी मृत्यु 16 दिसंबर, 2013 को हो गई थी। पुरी दुनिया मिचियाकी द्वारा बनाई गई इस वैक्सीन के लिए उनके आभारी है और हमेशा रहेगी।