भारत सरकार जल्द ही Google, Meta, Twitter और Amazon जैसी कंपनियों को लोकल पब्लिशर्स और डिजिटल पब्लिशर्स के साथ रेवेन्यू शेयर करने को लेकर नया कानून ला सकती है। जिसके लागू होने के बाद इन टेक कंपनियों को पब्लिशर्स के ऑरिजिनल कंटेंट से हो रही कमाई को शेयर करना होगा। ये टेक कंपनियां किसी पुख्ता कानून नहीं होने की वजह से न्यूज प्लेटफॉर्म्स के साथ फेयर रेवेन्यू शेयर नहीं कर रही हैं। मौजूदा ऐड शेयरिंग रिवेन्यू मॉडल में एडवर्टाइजिंग रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा बड़ी टेक कंपनियों के पास रहता है, जिसकी वजह से डिजिटल पब्लिशर्स को फेयर रेवेन्यू शेयर नहीं मिल पाता है। Also Read - Instagram-Facebook के इन-ऐप ब्राउजर कर सकते हैं यूजर्स की जासूसी, रहती है पल-पल की खबर
नया कानून लाने की तैयारी में सरकार
केन्द्रीय आईटी (IT) और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार इसके लिए नए नियम लाने की तैयारी में है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि डिजिटल एडवर्टाइजिंग के मार्केट पावर को बड़ी टेक कंपनियों द्वारा फिलहाल कैपिटलाइज्ड किया जा रहा है, जिसका नुकसान भारतीय मीडिया कंपनियों को हो रहा है। यह एक बड़ी समस्या है, जिसका हल करने के लिए नए विधेयक और कानून लाने की जांच की जा रही है। Also Read - Elon Musk का पर्सनल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म होगा X.com? Twitter पर किया बड़ा इशारा
लोगों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने के लिए शुरू हुई सोशल मीडिया कंपनी Facebook ने अब अपने दायरे को बढ़ाकर न्यूज और मीडिया कंटेंट शेयरिंग प्लेटफॉर्म के तौर विकसित किया है। वहीं, Google भी अब सिर्फ एक सर्च इंजन नहीं रह गया है, अलबत्ता अमेरिकी कंपनी न्यूज शेयरिंग का एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन गई है। Also Read - Google Search पर मिलेगा गेमिंग का मजा, बस एक क्लिक दूर हैं क्लाउड गेम
डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स असोसिएशन (DNPA) के मुताबिक, वेबसाइट पर आने वाले 50 प्रतिशत से ज्यादा ट्रैफिक गूगल के जरिए आता है और गूगल अपने ऐड रेवेन्यू पॉलिसी और एल्गोरिदम की वजह से किसी पर्टिकुलर न्यूज चैनल और वेबसाइट को लिस्ट में ऊपर कर देता है। भारत सरकार द्वारा इसके लिए कानून लाए जाने से पहले कई देशों में पॉलिसी बनाकर गूगल पर सख्ती की जा रही है।
कई देश ला चुके कानून
आस्ट्रेलिया और फ्रांस गूगल समेत अन्य टेक प्लेटफॉर्म्स के लिए लोकल न्यूज पब्लिशर्स के साथ रेवेन्यू शेयर करने का कानून लागू कर चुके हैं। वहीं, कनाडा और यूके (यूनाइटेड किंगडम) भी इन कंपनियों के लिए कानून लाने की तैयारी कर रहे हैं।
हालांकि, दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील जब इन टेक कंपनियों के लिए ‘ब्राजील लॉ ऑफ फ्रीडम, रिस्पॉनसिबिलिटी एंड ट्रांसपेरेंसी ऑन द इंटरनेट’ कानून लेकर आया तो Google, Facebook, Instagram, Twitter ने एक साथ मिलकर सरकार को न्यूज कंटेंट के लिए पब्लिशर को रेवेन्यू देने के खिलाफ ओपन लेटर लिखा था।
कम्पीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) पहले से ही गूगल के भेदभाव वाली पॉलिसी को लेकर सवाल उठा चुकी है। सरकार द्वारा नया कानून बनाए जाने के बाद इन टेक कंपनियों पर दबाब बन सकता है।