आजकल किसी भी नई ऐप, वेबसाइट और इंटरनेट का यूज करते समय लोग अपनी प्राइवेसी का काफी ध्यान रखते हैं। Android Smartphone में लोग कई ऐप्स डाउनलोड करते हैं। ऐप यूजर्स से फोन के कैमरा और माइक्रोफोन आदि का एक्सेस पाने के लिए परमिशन मांगते हैं। इसके बिना इन ऐप्स के कई फीचर्स का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी फर्म Arrka ने हाल में अपनी स्टडी में बताया गया है स्मार्टफोन के कैमरा और माइक्रोफोन की परमिशन मांगे वाली एंड्रॉयड ऐप्स की संख्या पिछले 5 सालों में बढ़ गई है। स्टडी में यह भी बताया गया है कि कितनी वेबसाइट पर गूगल अपने ट्रैकर के जरिए नजर रखता है। आइये, डिटेल में जानते हैं। Also Read - Instagram को मिले Facebook और Messenger वाले 3D Avatar, जानें क्या है नया
ऐसे Android ऐप्स की संख्या में हुई कितनी बढ़ोतरी?
Arrka की State of Data Privacy of Indian Mobile Apps Websites नाम की स्टडी के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में स्मार्टफोन पर कैमरा और माइक्रोफोन का एक्सेस मांगने वाले Android ऐप्स की संख्या बढ़कर 54 प्रतिशत हो गई है। पिछले 5 सालों में यह संख्या पहले 45 प्रतिशत से बढ़कर 68 प्रतिशत हुई और उसके बाद अब यह 28 प्रतिशत से बढ़कर 54 प्रतिशत हो गई है। Also Read - Google की Android यूजर्स को चेतावनी, यह दमदार Spyware कर रहा जासूसी
कितनी मोबाइल ऐप्स हैं स्टडी में शामिल?
इस स्टडी में 25 इंडस्ट्री से 100 कंपनियों की 201 भारतीय मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट शामिल हैं। Arrka ने पिछले 5 सालों में विभिन्न प्राइवेसी पेरामीटर को ट्रैक किया है। इस स्टडी में कई खास बातें सामने आईं हैं। Google अकेला सबसे बड़ा थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म है, जिसके साथ डेटा शेयर किया जा रहा है। Also Read - Google रिपोर्ट में सामने आई बड़ी बात, 28.3 फीसदी डिवाइस में इंस्टॉल है Android 11 ऑपरेटिंग सिस्टम
97 प्रतिशत वेबसाइट में Google के Tracker मौजूद थे। वहीं, 55 प्रतिशत में Facebook के ट्रैकर थे। लगभग 42 प्रतिशत एंड्रॉयड ऐप गूगल के साथ डेटा शेयर करते हैं। वहीं, 25 प्रतिशत Android ऐप फेसबुक के साथ डेटा शेयर करते हैं। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि कंपनिया इन परमिशन के आधार पर नई सर्विस और फीचर्स दे रही हैं।