गूगल के सीईओ सुंदर पिचई का कहना है कि गूगल हथियारों में इस्तेमाल के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विकसित नहीं कर रहा है। पेंटागन प्रोजेक्ट में भागीदारी को लेकर गूगल काफी प्रतिक्रिया का सामना कर रहा है। गूगल ने हाल ही में घोषणा की है कि वो अब रक्षा विभाग के साथ काम को जारी नहीं रख रहा है। गूगल रक्षा विभाग के साथ मावेन प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था जो उसने अब छोड़ दिया है। Also Read - भूल जाइए सभी पासवर्ड! Google Password Manager को मिला जबरदस्त अपडेट
Also Read - Google ऐप डेवलपर्स को 711 करोड़ रुपये देने को तैयार, जानें क्या है मामलायह एक आर्टिफिशियल प्रोजेक्ट था जो ड्रोन स्ट्राइक पर चल रहा था। इसमें गूगल को ड्रोन हमलों की क्षमता को बढ़ाने का काम सौंपा गया था। गूगल के इस काम में साझेदारी को लेकर उसके ही कई कर्मचारियों में रोष था। इन कर्मचारियों ने इसे कंपनी के सिद्धांत के खिलाफ बताते हुए हस्ताक्षर अभियान चलाया था। हजारों कर्मचारियों ने हस्ताक्षर करके कहा था कि इस काम से कंपनी के नैतिक सिद्धातों का उल्लंघन हो रहा है। Also Read - Google Switch to Android ऐप Pixel के अलावा इन स्मार्टफोन को भी करेगा सपोर्ट
इन कर्मचारियों का कहना था कि गूगल को युद्ध के व्यवसाय में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। कर्मचारियों ने खत लिखकर अपना विरोध जताया था और इसे लेकर गूगल को चेतावनी भी दी थी। अब सुंदर पिचई का कहना है कि गूगल हथियारों के लिए कोई आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी नहीं बना रहा है।