सीओएआई का कहना है कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को सबसे पहले अपनाने वाले देशों में से एक होगा। सीओएआई ने गुरुवार को यह बात कही है। सीओएआई दूरसंचार उद्योग का प्रमुख संगठन है। इस संगठन का कहना है कि दुनियाभर में पहले कृतिम बुद्धि को अंगीकार करने वाले देशों में भारत का नाम भी शामिल होगा। Also Read - मोबाइल यूजर्स के लिए खुशखबरी, अब घर बैठे पोस्टपेड से प्रीपेड में नंबर होगा ट्रांसफर
Also Read - भारत में 5G लॉन्च करने की तैयारी, टेलिकॉम कंपनियों ने नए स्पेक्ट्रम बैंड के लिए DoT पर बनाया दबाबसीओएआईके महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने विश्व दूरसंचार व सूचना दिवस सोसायटी दिवस पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर , शिक्षा व क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल करने में एआई बड़ी भूमिका निभाएगी। उनके अनुसार बेहतर कनेक्टिविटी व वित्तीय रूप से मजबूत क्षेत्रों के बीच सकारात्मक परिदृश्य में एआई से नयी संभावनाएं खुलेंगी। Also Read - शाओमी ने लॉन्च किया सस्ता सफाई रोबोट MIJIA Sweeping Robot G1, जानें कीमत
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी को मशीन इंटेलीजेंस (MI) भी कहा जाता है। इस वक्त दुनिया में यह सबसे एडवांस टेक्नोलॉजी है। इसके तहत ऐसे रोबोट्स तैयार हो रहे हैं जो मनुष्यों की तरह काम कर रहे हैं। कृतिम बुद्धि को हम इस तरह से समझ सकते हैं कि वो सारे काम जो कोई मशीन, प्राकृतिक बुद्धि के विपरीत कर सके। यानी मशीन होशियारी से इंसानों की नकल कर सके।
इंसान और पशु-पक्षी नेचुरल इंटेलीजेंस (NI) से काम करते हैं, जबकि रोबोट्स आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से काम करते हैं।