भारत की इंटरनेट आधारित अर्थव्यवस्था का आकार वर्ष 2020 तक 250 अरब डॉलर होने की संभावना है क्योंकि ऑनलाइन उपयोक्ताओं की संख्या और डाटा उपभोग में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। बीसीजी-टीआईई की ‘द 250 अरब डॉलर डिजिटल वॉल्कैनो: डॉरमैंट नो मोर’ रिपोर्ट के अनुसार भारत की इंटरनेट आधारित अर्थव्यवस्था के 100-130 अरब डॉलर से बढ़कर 2020 तक 215-265 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। अभी यह सकल घरेलू उत्पाद का करीब पांच प्रतिशत है जो 2020 तक बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो सकती है। इसके पीछे अहम कारण ई-वाणिज्य क्षेत्र और वित्तीय सेवाओं का बढ़ना है। Also Read - 3 में से 1 बच्चा ऑनलाइन देख रहा ‘गलत’ कॉन्टेंट, 29 पर्सेंट सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं निजी जानकारियां- स्टडी
Also Read - रूस खुद को ग्लोबल इंटरनेट से कर रहा अलग? जानें क्या है पूरा मामलारिपोर्ट के अनुसार ई-वाणिज्य एवं वित्तीय सेवाओं का आकार 40-50 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है। ई-वाणिज्य उत्पादों के बाजार का आकार 45-50 अरब डॉलर और डिजिटल मीडिया एवं विपणन क्षेत्र का आकार 5-8 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। Also Read - Safer Internet Day 2022: गूगल पर डेटा प्राइवेसी और सिक्योरिटी ब्रीच के बारे में लोगों ने खूब किए सर्च
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रिपोर्ट में कहा गया है कि मोबाइल इंटरनेट उपयोक्ताओं के मामले में भारत अभी दूसरा सबसे बड़ा देश है। अभी इनकी संख्या 39.1 करोड़ है और 2020 तक इसके बढ़कर 65 करोड़ हो जाने की संभावना है। इसी तरह 2020 तक डाटा उपभोग में भी 10-14 प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद है।
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