सरकार जल्द ही सोशल मीडिया कंपनियों Facebook, Twitter, WhatsApp का कम्प्लायंस ऑडिट शुरू करने वाली है। सामने आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार Information Technology Rules 2021 के सेक्शन 69A के तहत सोशल मीडिया कंपनियों की हर तीसरे महीने ऑडिट करेगी। कम्प्लायंस ऑडिट शुरू होने के बाद सरकार सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले मंथली ग्रीवांस रिपोर्ट की जांच करेगी। Also Read - Elon Musk का पर्सनल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म होगा X.com? Twitter पर किया बड़ा इशारा
सितंबर से हर तिमाही होगी कम्प्लायंस ऑडिट
ET की रिपोर्ट के मुताबिक, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) सितंबर से क्वार्टरली कम्प्लायंस ऑडिट कर सकती है। इसमें मिनिस्ट्री सोशल मीडिया कंपनियों की कम्प्लायंस ऑडिट में कई तरह के पैरामीटर चेक किए जाएंगे, जिनमें इंटरमीडियरीज को मिले ग्रीवांस रिपोर्ट की संख्यां, रेसिडेंट चीफ कम्प्लायंस ऑफिसर द्वारा मिले ग्रीवांस सॉल्व होने की संख्यां आदि शामिल हैं। Also Read - IT Rules 2021 की वजह से साइबर क्राइम पर लगी लगाम : राजीव चन्द्रशेखर
पिछले साल से हर महीने सोशल मीडिया कंपनियां (जिनके भारत में 50 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स हैं) कम्प्लायंस रिपोर्ट करती है, जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा यूजर्स द्वारा रिपोर्ट किए गए ग्रीवांस, और उसके सॉल्यूशन का ब्यौरा देना होता है। Also Read - भारत सरकार ने बंद किए फेक न्यूज फैलाने वाले 94 यूट्यूब चैनल्स, कई URLs को भी किया ब्लॉक
मंत्रालय के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा है कि सोशल मीडिया कंपनियों के कम्प्लायंस ऑडिट का मकसद यह जानना है कि सोशल मीडिया कंपनी यूजर्स की शिकायतों को सुनने के लिए कितनी तैयार हैं? हम इस ऑडिट को क्वार्टरली बेसिस पर करेंगे।
फिलहाल आईटी मंत्रालय सोशल मीडिया IT Rules 2021 Section 69A के तहत पास किए गए ऑर्डर के मुताबिक, कम्प्लायंस ऑडिट नहीं कर रही हैं। हालांकि, इमरजेंसी ऑर्डर पर सोशल मीडिया कंपनियों के सीनियर ऑफिसर हर फॉर्टनाइट में मीटिंग करते हैं। क्वार्टरली कम्प्लायंस ऑडिट इस मीटिंग्स और मंथली कम्प्लायंस रिपोर्ट के बाद एक और अतिरिक्त काम होगा, जिसे सोशल मीडिया कंपनियों को पूरा करना होगा।
क्या कहता है IT Rules 2021?
पिछले साल 26 मई को IT Rules 2021 लागू किया गया था। इस नए आईटी नियम के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में एक चीफ ग्रीवांस ऑफिसर नियुक्त करना होता है, जो नए नियमों को पालन सुनिश्चित करेगा। चीफ ग्रीवांस ऑफिसर का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।
इसके अलावा देश की एजेंसियों से को-ओर्डिनेट करने के लिए एक नोडल संपर्क अधिकारी की नियुक्ति करना अनिवार्य है। साथ ही, नोडल ऑफिसर का भारतीय नागरिक होना भी जरूरी है। यही नहीं, एक रेजिडेंस ऑफिसर की भी नियुक्ति करनी होगी, जो ग्रीवांस यानी शिकायतों के समाधान और उसपर की गई कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा। साथ ही, सोशल मीडिया कंपनियों को हर महीने ग्रीवांस रिपोर्ट पब्लिश करनी होगी, जिसमें मिलने वाली शिकायतों की संख्यां और उसपर लिए गए ऐक्शन की डिटेल शामिल होगी।