मोबाइल डेटा सेवा के लिए न्यूनतम दर तय किए जाने पर जियो (Jio) ने अपनी राय रखी है। दूरसंचार नियामक ट्राई से जियो ने डेटा प्राइस को धीरे धीरे बढ़ाने की मांग की है। जिससे प्रति जीबी डेटा की न्यूनतम कीमत बढ़कर 20 रुपये हो जाए, जो फिलहाल 15 रुपये प्रति जीबी के स्तर पर है। जियो का कहना है कि यदि डेटा की कीमतों में धीरे धीरे इजाफा किया गया, तो यह अगले 6 से 9 महीनों में 20 रुपये प्रति जीबी के स्तर पर पहुंच जाएगी। Also Read - देशभर में घटी मोबाइल ग्राहकों की संख्या, लेकिन जियो को हुआ फायदा
Jio ने दिया ये सुझाव
जियो ने ट्राई के इस परामरश की वकालत की है और कहा है कि वॉइस टैरिफ सहनशीलता के स्तर पर हैं। लेकिन डेटा फ्लोर प्राइस का प्रभाव व्यापक होगा। इससे लोगों पर अगर पड़ेगा और इसके लागू करना भी मुश्किल होगा। ट्राई द्वारा जारी किए गए Tariff issues in Telecom Services कंसल्टिंग पेपर जियो ने यह प्रतिक्रिया दी है। कंपनी का कहना है कि भारतीय ग्राहक प्राइस सेंसिटिव है और टार्गेट फ्लोर प्राइस को तीन चार चरण में लागू करने से इसका प्रभाव कम होगा। Also Read - ISRO पांच मार्च को लॉन्च करेगा जियो इमेजिंग सैटेलाइट GSLV-F10
सीओआई भी कर चुका है वकालत
गौरतलब है कि मोबाइल सेवा प्रदाताओं के संगठन सीओएआई ने मोबाइल डेटा सेवाओं के लिये न्यूनतम दर तय किये जाने की वकालत की है। सेल्यूलर आपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने दूरसंचार नियामक ट्राई से कहा कि तय की गई न्यूनतम कीमत समान रूप से सभी श्रेणी के ग्राहकों तथा सभी प्रकार की शुल्क योजनाओ की पेशकश पर लागू होनी चाहिए। एसोसिएशन ने कहा कि डेटा सेवाओं के लिये न्यूनतम मूल्य नियत किये जाने की जरूरत है लेकिन फोन कॉल में ऐसी दर तय करने की व्यवस्था की जरूरत नहीं है। Also Read - रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने 49 और 69 रुपये के प्लान किए पेश, डाटा के साथ कॉलिंग का उठाएं फायदा
सीओएआई ने कहा कि शुल्क दरों में हाल की वृद्धि के बावजूद न्यूनतम मूल्य तय किये जाने से दूरसंचार कंपनियों के लिये न्यूनतम आय की गारंटी सुनिश्चित होगी और क्षेत्र व्यवहारिक बनेगा तथा इसमें आगे वृद्धि हो सकेगी। संगठन ने दूरसंचार सेवाओं के शुल्क मुद्दे पर ट्राई को सौंपे ज्ञापन में कहा, ‘‘मोबाइल डेटा सेवाओं के लिये न्यूनतम मूल्य तय किये जाने की जरूरत है…।’’ सीओएआई के अनुसार तय किये जाने वाले न्यूनतम मूल्य सभी श्रेणी के ग्राहकों तथा हर प्रकार की शुल्क योजना पेशकश पर लागू होनी चाहिए।
हालांकि संगठन ने यह नहीं बताया कि न्यूनतम मूल्य क्या हो सकता है। उसने यह आकलन करने और सुझाव देने का जिम्मा परिचालकों पर छोड़ दिया है। सीओएआई ने यह बात ऐसे समय कही है कि जब दूरसंचार कंपनियां सकल समायोजित आय (एजीआर) के बकाया मुद्दे से जूझ रही हैं।