कोरोना वायरस की समस्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए रिलायंस जियो (Jio) ने बड़ा कदम उठाया है। देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने अपने दरफ्तर में बायोमैट्रिक्स आधारित अटेंडेंस बंद कर दी है। यानी जियो के ऑफिस में बायोमैट्रिक्स अटेंडेंस नहीं हो रही है। कंपनी ने ये फैसला कोरोना वायरस और हाथों के कारण होने वाले हाइजीन को ध्यान में रखते हुए लिया है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को जानकारी दी है कि उनकी अटेंडेंस अब जियो बीटा प्लानर के जरिए लगेगी। Also Read - Jio Recharge Plan: जियो ने पेश किया भारी भरकम रिचार्ज प्लान, एक साल तक मिलेंगी ये सुविधाएं
Jio ने उठाया ये कदम
जियो के एचआर ने दरफ्तर के कर्मचारियों को बताया, ‘कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई इस स्थिति को देखते हुए, सभी के लिए सुरक्षा कदम को उठाना जरूरी है… अटेंडेंस जियो बीटा प्लानर के जरिए होगी, जो अपरूवल के लिए जाएगी। जैसे ही आपकी अटेंडेंस अपरूव होगी, उसे ईएसएस में अगले 48 घंटे में अपडेट कर दिया जाएगा।’ गौरतलब है कि भारत सरकार ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को 30 सेकेंड का ऑडियो क्लिप कॉलर ट्यून के तौर पर प्ले करने के लिए बोला है। जिससे लोगों में जागरूकता बनी रहे। Also Read - क्या 1 जीबी डेटा के लिए देने होंगे 20 रुपये? जियो ने ट्राई को दिया सुझाव
बता दें कि देश में कोरोना वायरस के तीन नये मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की कुल संख्या 42 पर पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से एक-एक नया मामला सामने आया है। साथ ही बताया कि अब तक किसी की भी मौत की खबर नहीं है। केरल में तीन साल के बच्चे में सामने आए संक्रमण के मामले की स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिलहाल पुष्टि नहीं की है। Also Read - देशभर में घटी मोबाइल ग्राहकों की संख्या, लेकिन जियो को हुआ फायदा
कोच्चि में अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इटली से अपने परिजन के साथ लौटा बच्चा वायरस की जांच में पॉजिटिव पाया गया है। कोरोना वायरस के कारण लगभग 3 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मौत चीन में हुई है। इस वायरस को सबसे पहले चीन में ही पाया गया था। हाल में ही इटली में बड़ी संख्या में इस वायरस के संक्रमण की जानकारी सामने आई है। जिसके बाद इटली में विभिन्न क्षेत्रों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। भारत में भी इसके कई मामले आ चुके हैं।