प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल स्पेस किसी भी रूप में कुछ डार्क फोर्सेज के लिए खेल का मैदान न बन जाए। Also Read - WhatsApp Alternative Sandes App को कैसे करें Use? यहां जानें स्टेप-बाय-स्टेप पूरा तरीका
मोदी ने साइबर स्पेस (जीसीसीएस) पर वैश्विक सम्मेलन के पांचवें संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि, “साइबर अटैक वैश्विक समुदाय के लिए एक बड़ा खतरा है। और हमें इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि कहीं समाज का कमजोर वर्ग इसका शिकार न हो जाए।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि हमें ज्यादा ध्यान साइबर वारियर्स के निर्माण पर देना चाहिए, ताकि वह किसी भी दुर्वाचारी स्थिति के लिए हमें सावधान करते रहें। Also Read - साइबर अटैक से बचाएगा Google Chrome का नया प्राइवेसी फीचर, जानें कैसे करें इस्तेमाल
इस दो दिवसीय कांफ्रेंस का थीम साइबर4ऑल है: सशक्त और समेकित साइबरस्पेस फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट। यह कहते हुए कि इंटरनेट ने भारतीय लोगों के जीवन को और आसान बनाया है उन्होंने आगे कहा कि, “डिजिटल एक्सेस के माध्यम से सशक्तिकरण ही भारत सरकार के एक बड़ा उद्देश्य है और वह इसी पर अपना ध्यान केंद्रित भी कर रहा है।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि “हम अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए मोबाइल शक्ति या एम-पावर में विश्वास करते हैं।” Also Read - Airtel ने साइबर अटैक्स से बचने के लिए लॉन्च किया 'Secure' सिक्युरिटी सॉल्यूशन
प्रधान मंत्री ने कहा कि जन धन योजना के माध्यम से वित्तीय समावेशन, आधार और मोबाइल फोन के माध्यम से अद्वितीय पहचान ने भ्रष्टाचार को कम करने और देश में पारदर्शिता लाने में मदद की है।
भारत के आईटी प्रतिभा पूल के बारे में, मोदी ने कहा: “भारतीय आईटी की प्रतिभा को दुनिया भर में मान्यता मिली है। भारतीय आईटी कंपनियों ने अपने नाम को बड़े स्तर पर काबिज कर लिया है महिलाएं आईटी कार्यबल का महत्वपूर्ण हिस्सा बनती जा रही हैं, और आईटी क्षेत्र ने लैंगिक सशक्तिकरण में योगदान दिया है।”