वेबसाइट खोलते ही भारी भरकम फ्लैश विज्ञापन खुद से ही शुरू हो जाते हैं। आप कोशिश करते हैं उन्हें बंद करने की लेकिन संभव नहीं हो पाता। परंतु अब ऐसा नहीं है। अब जल्द ही आप उस फ्लैश प्लेयर को बंद करने में सक्षम होंगे। Also Read - इंटरनेट ब्राउजर के एक्सटेंशन में साइबर क्रिमिनल्स ने लगाई सेंध, 30 लाख से ज्यादा यूजर्स हुए प्रभावित
इस साल के शुरुआत में ही गूगल ने क्रोेम ब्राउजर के साथ फ्लैश ब्लॉकिंग फीचर को पेश किया था। परंतु उस वक्त यह सिर्फ बीटा संस्करण में उपलब्ध था। अब कंपनी ने इसे व्यवसायीक तौर पर लॉन्च करने की घोषणा कर दी है। कई उपभोक्ताओं द्वारा इस बाबत गूगल को अनुरोध भेजा गया था और अंतत: कंपनी ने इसे 1 सितंबर से लॉन्च करने की घोषणा कर दी है। अब उपभोक्ता अपने क्रोम ब्राउजर में वेबसाइट पर दिखाए जा रहे फ्लैश विज्ञापनों को आॅटो ब्लॉक कर सकते हैं। Also Read - Google ने Android यूजर्स को किया आगाह, जल्द कर लगें अपने Chrome को अपडेट
इसके माध्यम से क्रोम ब्राउजर में वेबसाइट पर उपलब्ध सभी तरह के फ्लैश कंटेंट खुद ही पाउज हो जाएंगे। इसमें फ्लैश विज्ञापनों के अलावा अन्य वीडियो कंटेंट भी शामिल हैं। इन्हें देखने के लिए आपको मैनुअली ओपेन करना होगा। हालांकि इसमें वेब सइट पर इंबेडेड किए गए यूट्यूब वीडियो, डेलीमोशन और वेमियो वीडियो पहले की तरह ही कार्य करेंगे। Also Read - गूगल ने रोलआउट किया ब्राउजर का नया अपडेट Chrome 81
जहां तक फ्लैश प्लेयर के ब्लॉक करने की बात है तो इसके पीछे कई कारण हैं। फ्लैश प्लेयर कंप्यूटर को काफी धीमा कर देते हैं। यह सीपीयू का उपयोग बहुत ज्यादा करता है। इसके साथ ही बैटरी की खपथ भी फ्लैश प्लेयर में ज्यादा होती है। इन कारणों के अलावा सुरक्षा भी एक बहुत बड़ा मुद्दा है। हैकर्स ज्यादातर अपने कार्यों को अंजाम देने के लिए फ्लैश प्लेयर का ही सहारा लेते हैं। फ्लैश प्लेयर में कोड इंबाडेड कर रिमोटली डाटा हैक करते हैं। इसे बंद करने से कंप्यूटर में वायरस के खतरे को कम किया जा सकता है।