मोबाइल फोन कंपनियों के संगठन इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईसीईए) ने शुरुआती स्तर के मोबाइल हैंडसेट्स के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को मौजूदा 12 फीसदी से कम कर पांच फीसदी करने की मांग की है। मोबाइल उद्योग इस दर को इसलिए कम कराना चाहते हैं, ताकि शुरुआती स्तर के मोबाइल 1,200 रुपये तक की कीमत में उपलब्ध हो सकें।
दिसंबर के दूसरे पखवाड़े के दौरान जीएसटी परिषद की बैठक होगी, जिसमें मौजूदा कर संरचना की समीक्षा की जाएगी। आईसीईए ने कहा कि शुरुआती स्तर (एंट्री लेवल) के मोबाइल हैंडसेट्स के लिए दरों में कटौती से 50 फीसदी भारतीय उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचेगा। Also Read - भारत में बेचे जाने वाले Xiaomi के 99 प्रतिशत फोन हैं Made in India
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उद्योगों के निकाय ने कहा कि एंट्री लेवल के मोबाइल हैंडसेट जिन्हें ‘पुश बटन क्षमता वाले फीचर फोन’ के रूप में भी जाना जाता है, अभी भी भारत में कुल घरेलू बाजार की मांग का लगभग 50 फीसदी (2019 में 12-15 करोड़ यूनिट) है। इन मोबाइल का निर्माण मुख्य तौर पर लावा, श्याओमी, ओप्पो और वीवो जैसी कंपनी कर रही हैं। आईसीईए के अनुसार, इस श्रेणी के हैंडसेट की मूल्य हिस्सेदारी लगभग 12,000-15,000 करोड़ रुपये है, जो कि कुल घरेलू मूल्य बाजार का लगभग 6.5 से आठ फीसदी है। Also Read - Gionee ने शानदार बैटरी लाइफ के साथ लॉन्च किया फीचर फोन Gionee L6+
दर में कटौती की मांग करते हुए उद्योगों के निकाय ने पिछले सप्ताह केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क, वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजा था।इससे पहले मालूम हो कि भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में ज्यादातर चाइनीज कंपनियों का ही कब्जा है। फीचर फोन में हालांकि जियो की एंट्री के बाद से वह इस सेगमेंट में सबसे बड़ी प्लेयर बन गई है। जियो फीचर फोन मार्केट में नंबर एक खिलाड़ी है।
INPUT: IANS