PM Narendra Modi ने आज यानी 17 मई को देश के पहले 5G टेस्टबेड का उद्घाटन किया है। भारत सरकार ने विश्व संचार दिवस और TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथिरिटी ऑफ इंडिया) के सिल्वर जुबली यानी 25 साल पूरा होने के मौके पर इस 5G इनेबल्ड टेस्टबेड को देश को समर्पित किया है। Also Read - 5G in India: सितंबर से ले सकेंगे सुपरफास्ट 5G सर्विस का आनंद, जानें 5 अहम बातें
इस 5G टेस्टबेड का इस्तेमाल देश के स्टार्ट-अप और इंडस्ट्री प्लेयर्स को अपने प्रोडक्ट टेस्ट करने की सहूलियत देगा। जिसकी वजह से स्टार्टअप्स और कंपनियों को विदेश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इस 5G टेस्टबेड को सेटअप करने में 220 करोड़ रुपये का खर्च आया है। Also Read - TRAI करेगा स्पेशल ऑडिट, मोबाइल नंबर पोर्टिंग में 'खेल' करने वाली कंपनियों पर गिरेगी गाज
Release of the Postal Stamp, TRAI Souvenir & a short film on #25yearsofTRAI’s journey by the Hon’ble Prime Minister of India Shri Narendra Modi ji @narendramodi via @TRAI pic.twitter.com/QxQiI9NPgD Also Read - Truecaller जैसे ऐप्स की बंद होगी 'दुकान', अब अपने आप पता चलेगा फोन करने वाले का असली नाम
— TRAI (@TRAI) May 17, 2022
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा,”मैं सभी युवा मित्रों, रिसर्चर्स और कंपनी को 5G टेक्नोलॉजी टेस्ट करने के लिए आमंत्रित करता हूं।” पीएम मोदी ने आगे कहा, देश का पहला 5G टेस्टबेड देश के विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएगा। 5G की वजह से गवर्नेंस इंप्रूव होगी, साथ ही यह लोगों कि जिंदगी को आसान बनाएगा और बिजनेस करना बेहद आसान हो जाएगा।
5G Testbed के फायदे
5G टेस्टबेड (5G Testbed) देश में टेलीकॉम इंडस्ट्री और सेक्टर के सभी स्टार्टअप को अपने प्रोडक्ट वेलिडेट करने से लेकर 5G प्रोटोटाइप डेवलप करने और नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजी के लिए मदद करेगा। किसी भी स्टार्टअप कंपनी या इंडस्ट्री प्लेयर्स को अपने प्रोडक्ट को टेस्ट करने के लिए विदेश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यह सेक्टर 5G टेस्टिंग के लिए आत्मनिर्भर बन जाएगा।
Launch of 5G Test Bed for use by the industry & startups at @iitmadras, @iitdelhi, @IITHyderabad, @IITKanpur & @iiscbangalore by the Hon’ble Prime Minister of India Shri Narendra Modi ji @narendramodi via @TRAI #25yearsofTRAI #5GTestBed pic.twitter.com/ClnUF4x5eb
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पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए ट्राई (TRAI) जैसे नियामकों के लिए भी ‘संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण’ महत्वपूर्ण है। आज विनियमन सिर्फ एक क्षेत्र की सीमाओं तक सीमित नहीं है। प्रौद्योगिकी विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ रही है। इसलिए आज हर कोई सहयोगात्मक विनियमन की आवश्यकता का अनुभव कर रहा है। इसके लिए यह आवश्यक है कि सभी नियामक एक साथ आएं, साझा प्लेटफॉर्म विकसित करें और बेहतर समन्वय के लिए समाधान खोजें।