सोशल मीडिया समूहों के बीच सूचीबद्ध कंपनियों से जुड़ी महत्वपूर्ण वित्तीय जानकारी लीक किये जाने संबंधी शिकायतों को लेकर पूंजी बाजार नियामक सेबी काफी गंभीर है और वह मामले पर गौर कर रहा है। Also Read - व्हाट्सएप लीक मामले में कंपनी अधिकारियों का कॉल रिकॉर्ड मांग सकता है सेबी
Also Read - रूट मोबाइल ने 600 करोड़ के आईपीओ के लिये सेबी को सौंपे दस्तावेजसेबी के पास ऐसी शिकायतें पहुंची हैं कि कंपनियों की तरफ से आधिकारिक तौर पर जानकारी को सार्वजनिक किये जाने से पहले ही कुछ सोशल मीडिया समूहों के बीच महत्वपूर्ण जानकारी सार्वजनिक कर दी जाती हैं। Also Read - सेबी ने व्हाट्सएप लीक मामले में एक्सिस बैंक को आंतरिक जांच, प्रणाली मजबूत करने को कहा
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने आज इस बात की पुष्टि करते हुये कहा कि नियामक के संज्ञान में इस तरह की बातें आई हैं। नियामक को पता चला है कि कई प्रमुख कंपनियों के शेयर मूल्यों को प्रभावित करने वाली संवेदनशील जानकारी को आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक किये जाने से पहले ही कुछ समूहों के बीच पहुंचा दिया जाता है।
त्यागी ने यहां निवेश बैंकिंग सम्मेलन के मौके पर अलग से संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम इस तरह के (व्हट्सएप लीक्स) मामलों को काफी गंभीरता से ले रहे हैं। इस तरह की संवेदनशील वित्तीय जानकारी को किस प्रकार उनकी औपचारिक घोषणा से कुछ समय पहले बाहर पहुंचा दिया जाता है, इस मुद्दे पर हम चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं।’’ पीटीआई-भाषा इससे पहले भी इस बारे में रिपोर्ट जारी कर चुका है। इसमें कहा गया है कि सेबी और शेयर बाजार दो दर्जन से ज्यादा कंपनी शेयरों में किये गये सौदों की जांच कर रहे हैं। यह जांच कथित तौर पर अहम वित्तीय जानकारी को लीक करने के मामले से जुड़ी है। ये जानकारी समझा जाता है कि व्ह्टस अप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये लीक की जाती है। नियामक ने इस संबंध में सबंधित व्यक्तियों की कॉल रिकार्ड की भी जानकारी मांगी है। इनमें कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में होने वाली खरीद-फरोख्त भी शामिल है।
नियामक के पास फोनकॉल का रिकार्ड तलब करने का अधिकार है। वह दूरसंचार कंपनियों से इस प्रकार का ब्योरा हासिल कर सकता है। सेबी ने इस बारे में शेयर ब्रोकरों और सूचीबद्ध कंपनियों से भी स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या इस तरह के लोग उनसे जुड़े हैं।