स्मार्टवॉच (smartwatch) और दूसरे फिटनेस ट्रैकर वियरेबल डिवाइस लगातार यूजर्स की हार्ट रेट, स्किन टेंप्रेचर और ऑक्सीजन लेवल जैसी जानकारियां ट्रैक करते हैं। दावा किया जा रहा है कि इन जानकारियों की मदद से कोरोना वायरस (Covid-19) से संक्रिमित यूजर में लक्षण आने से पहले वायरस की पुष्टी की जा सकती है। Also Read - OnePlus Watch का डिजाइन आया सामने, इन खास फीचर्स के साथ हो सकता है लॉन्च
इन डिवाइस में Apple Watch, Garmin, और Fitbit की स्मार्टवॉच के साथ दूसरे ब्रांड के स्मार्ट फिटनेस ट्रैकर वियरेबल शामिल हैं। इन डिवाइस के डेटा की मदद से किसी यूजर में COVID-19 संक्रमण का पता लक्षणों के उभरने और टेस्ट से पहले लगाया जा सकता है। यह दावा अमेरिका की कई शीर्ष संस्थानों ने किया है जिसमें Mount Sinai Health System और Stanford University भी शामिल हैं। रिसर्च में यह भी कहा गया है कि फिटनेस ट्रेकर वियरेबल्स की मदद से संक्रमित बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। Also Read - 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया JioMeet वीडियो कॉलिंग ऐप
Mount Sinai Health System के शोधकर्ताओं का कहना है कि Apple Watch किसी यूजर के हार्टबीट में आए बदलावों का पता लगा सकती है जो इस बात के संकेत देता है कि यूजर Covid-19 वायरस के संपर्क में आया है। यूजर्स में यह बदलाव उसके बीमार होने से करीब एक सप्ताह पहले या टेस्ट किए जाने से पता चल जाते हैं। Also Read - Nokia 1.4 की कीमत, स्पेसिफिकेशन्स हुए लीक, पिछले स्मार्टफोन से ज्यादा हो सकते हैं फीचर्स
हार्ट रेट डेटा करता है मदद
इस रिपोर्ट में हार्ट रेट में आने वाले बदलावों के बारे में विस्तार से बताया गया है कि कैसे किसी व्यक्ति के इम्यूनसिस्टम और हार्ट बीट एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। COVID-19 से संक्रमित यूजर्स के हार्टबीट्स में वेरीअबिलिटी (परिवर्तनशीलता) कम देखने को मिलती है, जबकि COVID-निगेटिव यूजर्स के हार्ट बीट्स में वेरीअबिलिटी देखने को मिलती है।
हार्ट रेट में ज्यादा वेरीअबिलिटी इस ओर इशारा करती है कि यूजर्स का नवर्स सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) काफी संक्रिय है। यह तनाव का सामने करने में ज्यादा प्रभावी हो सकता है। Mount Sinai medical ने अपने इस रिसर्च में अपने 300 हेल्थ कर्मियों को शामिल किया था जिन्होंने अप्रैल से सितंबर 2020 में करीब 153 दिनों तक ऐप्पल वॉच पहनी थी। हालांकि Mount Sinai medical की इस रिसर्च में एप्पल ने हिस्सा नहीं लिया था।
महामारी से लड़ने में स्मार्टवॉच से मिल सकती है मदद
यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 50% से अधिक कोरोनो वायरस के मामले स्पर्श से फैले हैं, जिन्हें यह मालूम नहीं था कि वे वायरस के कैरियर हैं। ऐसे में इस महामारी से लड़ने में स्मार्टवॉट का डेटा मददगार हो सकता है।
Stanford University ने अपनी एक अलग रिपोर्ट में कहा है कि उसके रिसर्च में ऐसे यूजर्स जिन्होंने Garmin, Fitbit, Apple, और दूसरे ब्रांड के फिटनेस ट्रैकर वियरेबल पहने वाले 81 प्रतिशत यूजर्स में COVID-19 के संक्रमण को टेस्ट से पहले पता लगाया जा सका है। इसके लिए यूजर्स के 9 दिनों का हार्ट रेट डेटा को देखा गया। Stanford के शोधकर्ताओं स्मार्टफोन के डेटा से COVID-19 के 66 प्रतिशत मामलों को सही ढंग से पहचाना। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मामलों को लक्षण दिखाई देने के चार से सात दिन पहले पहचाना गया था।
कंपनियों ने शुरू की रिसर्च
स्टैनफोर्ड की रिसर्च टीम एक अलार्म सिस्टम बनाने के लिए काम कर रही है जो यूजर्स को बतायेगा कि उनकी हार्टबीच बढ़ रही है। यूजर्स लक्षण आने से पहले अपना टेस्ट करवा कर ट्रीटमेंट शुरू कर सकते हैं। इसके साथ ही कुछ स्मार्ट वियरेबल्स बनाने वाली कंपनियों ने इस टेक्नोलॉजी पर काम करना शुरू कर दिया है कि कैसे इन फिटनेस ट्रैकर्स से कोविड 19 से लड़ने में मदद मिल सकती है।