सोशल मीडिया के इस्तेमाल की वजह से बच्चों और टीनएजर्स को मानसिक तौर पर बीमार बना रहा है। खास तौर पर, इसका असर 4 साल से लेकर 16 साल के बच्चों पर ज्यादा देखा गया है। एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि सोशल मीडिया ऐप्स जैसे कि TikTok और Instagram 4 साल से कम उम्र के बच्चों को मानसिक रोगी बना रहा है। रिसर्च के मुताबिक, बच्चों में सोशल मीडिया की लत की वजह से लोगों के साथ घुलना-मिलना कम हो रहा है, जो ठीक नहीं है। Also Read - TikTok के वायरल SAD FACE फिल्टर ट्रेंड वाली वीडियो Instagram पर ऐसे बनाएं, ये है आसान तरीका...
स्टडी में दावा किया गया है कि 4 साल से कम उम्र के 16 प्रतिशत बच्चे TikTok पर वीडियो देखते हैं। वहीं, 7 साल से कम उम्र के 29 प्रतिशत बच्चों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो देखने की लत है। स्टडी के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म न सिर्फ बच्चों को मानसिक रोगी बना रहा है। बल्कि उनके स्वाभाव में भी बदलाव देखा जा रहा है। रिसर्च टीम ने 72 हजार से ज्यादा लोगों पर यह रिसर्च कंडक्ट किया है। Also Read - TikTok वीडियो बनाने के लिए ByteDance लॉन्च करेगा एक लाइव स्ट्रीमिंग डिवाइस, फ्लिप कैमरा से होगा लैस
बच्चों में हो रहे मानसिक बदलाव
बड़े हो रहे बच्चों में कई तरह के शारीरिक और सामाजिक बदलाव होते हैं। रिसर्च करने वाली टीम के सदस्य ऐमी ओर्बन (Amy Orben) के मुताबिक, सोशल मीडिया की वजह से बच्चों में होने वाला यह बदलाव अलग तरीके से होने लगा है। ऐमी यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज के डिजिटल मेंटल हेल्थ विभाग की प्रमुख के तौर पर कार्यरत हैं। Also Read - Instagram पर अब मिलेगा TikTok जैसा फुल-स्क्रीन एक्सपीरियंस, टेस्टिंग शुरू
The Verge की रिपोर्ट में इस स्टडी को संदर्भ में रखते हुए कहा गया है कि सोशल मीडिया से होने वाले मानसिक बदलाव का प्रभाव कम लकता है लेकिन यह काफी जटिल होता है। ऐमी ने यूके के 10 साल से 80 साल की आयुवर्ग के 72 हजार लोगों से बातचीत के आधार पर यह सर्वे किया है। इन 71 हजार लोगों पर 2011 से 2018 के बीच सात बार सर्वे किया गया है, जिसमें कई तरह के सवाल पूछे गए हैं। इसके आधार पर ऐमी ने अपनी यह स्टडी सबमिट की है।
लड़कियों में लड़कों के मुकाबले कम लाइफ सेटिसफैक्शन
रिसर्च टीम ने 16 से 21 साल की आयुवर्ग के युवाओं के साथ किए गए सर्वे में पाया कि जो लोग सोशल मीडिया का कम इस्तेमाल करते हैं उनके मुकाबले ज्यादा इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के बीच लाइफ सेटिसफैक्शन कम है। 10 से 15 वर्ष की आयुवर्ग में लाइफ सेटिसफैक्शन बच्चों के मुकाबले अलग है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाली लड़कियों में लड़कों के मुकाबले लाइफ सेटिसफैक्शन कम है।
वहीं ofcom द्वारा किए गए अन्य सर्वे के मुताबिक, 4 वर्ष से नीचे के 16 प्रतिशत बच्चों को TikTok पर वीडियो देखने की लत है। 5 से 7 वर्ष के 29 प्रतिशत बच्चे शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल वीडियो देखने के लिए करते हैं। जैसे-जैसे बच्चों की उम्र बढ़ती जाती है, उनके बीच सोशल मीडिया का लत और भी बढ़ता जाता है। रिसर्च में यह भी दावा किया गया है कि 5 से 7 वर्ष के 33 प्रतिशत और 8 से 11 वर्ष के 60 प्रतिशत बच्चों के पास सोशल मीडिया प्रोफाइल है। हालांकि, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रोफाइल बनाने की न्यूनतम उम्र 13 वर्ष है।
पिछले दिनों भी एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि हर 10 में से 3 बच्चे इंटरनेट पर गलत कंटेंट देखते हैं। यही नहीं, कई बच्चें अपने सोशल मीडिया अकाउंट की डिटेल्स ग्रुप चैट्स आदि में शेयर भी कर देते हैं, जो कि यूजर प्राइवेसी के लिए भी खतरा है।