टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन का कहना है कि कंपनी व ब्रिटेन में उसकी इकाई जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) को भारत की आर्थिक वृद्धि संभावनाओं से बड़ी उम्मीद है और वह इसके दोहन की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा है कि अन्य प्रमुख बाजारों में विविध चुनौतियों का सामना कर रही इस कंपनी को टिकाऊ व मुनाफायुक्त वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए विशेष पहल की जरूरत है। चंद्रशेखरन के अनुसार बाजार में उतार चढ़ाव , डीजल को लेकर नियामकीय रुकावटें , ब्रेक्जिट तथा ब्रिटेन में कराधान जैसे मुद्दे यूरोप में उसके लिए विशेष चुनौती पेश कर रहे हैं। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट : 2017-18 में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा , ‘‘ प्रौद्योगिकी आधारित कारोबार , बाजार में बदलाव , उपभोक्ताओं के बदलते पसंद , बाजार चक्रीयता , नियामकीय पुनर्मूल्यांकन और भू – राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण वैश्विक वाहन उद्योग संरचनात्मक बदलाव से गुजर रहा है। ’’ Also Read - Car Discount: Tigor, Safari और Nexon...Tata की कारों पर मिल रहा 60,000 रुपये तक डिस्काउंट, चेक करें डिटेल
Also Read - Tata Motors ने Hyundai को पछाड़ा, बनी देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी Also Read - Tata Motors: टाटा मोटर्स ने बनाया शानदार रिकॉर्ड, एक साल में फाइल किए 125 पेटेंटउन्होंने कहा कि एसीईएस (स्वचालन , जुड़ाव , इलेक्ट्रिक , साझा) कारक के कारण आवागमन में बदलाव का अनुमान है तथा इससे उपभोक्ताओं की पसंद प्रभावित होगी। चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा मोटर्स और जेएलआर भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की क्षमताओं का दोहन करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी बाजार चक्रीयता , ब्रेक्जिट और डीजल की मांग में गिरावट के कारण चुनौतियों का सामना कर रही है ।
भारत के बारे में चंद्रशेखरन ने कहा कि अभी घरेलू वाहन उद्योग विश्व का चौथा सबसे बड़ा बाजार है और 2026 तक इसके विश्व के तीसरे सबसे बड़े वैश्विक वाहन बाजार बन जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा , ‘‘ हमें उम्मीद है कि सरकार कम आवक कर तथा राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक आवागमन मिशन योजना 2020 के जरिये वाहन उद्योग की वृद्धि को नीतिगत समर्थन देगी। ’’ हालांकि उन्होंने कहा कि भारतीय वाहन उद्योग भी चुनौतियों से मुक्त नहीं है।