तामिलनाडु की कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेशल कमीशन ने मंगलवार 5 जुलाई को टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर पर 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। कंज्यूमर कमीशन ने ग्राहक की शिकायत पर मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर पर यह कार्रवाई की है। शिकायतकर्ता ने कमीशन को बताया की नेटवर्क ऑपरेटर ने उसका नंबर बिना किसी कारण के बंद कर दिया और किसी दूसरे यूजर को इश्यू कर दिया। वहीं, यूजर ने कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेशन कमीशन को यह भी बताया कि सिम कार्ड ब्लॉक होने की वजह से उसके कॉन्टैक्ट भी लॉस हो गए। Also Read - आपके Aadhaar Card से कितने SIM हैं रजिस्टर्ड? चुटकियों में लगाएं पता
ET Telecom के मुताबिक, यह मामला तामिलनाडु के कुड्डालोर जिले का है। वहां की डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेशल कमीशन ने शिकायतकर्ता की अपील पर मोबाइल नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर को आदेश दिया है कि वो ग्राहक की सर्विस बंद करने के लिए 25,000 रुपये मुआवजे का भुगतान करे। Also Read - Vodafone Idea (Vi) ने माना TRAI का आदेश, अब SMS प्लान के बिना भी कर पाएंगे नंबर पोर्ट
साथ ही, ग्राहक के कॉन्टैक्ट्स खोने की वजह से 30,000 रुपये का जुर्माना दिया जाए और मुकदमे में लगने वाले खर्चे और मानसिक पीड़ा आदि के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करें। इस तरह से कुल मिलाकर 60,000 रुपये ग्राहक को दिया जाए। Also Read - 5G in India: सितंबर से ले सकेंगे सुपरफास्ट 5G सर्विस का आनंद, जानें 5 अहम बातें
कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेशल कमीशन ने प्रेसिडेंट डी गोपीनाथ और सदस्य वी एन पर्थिभन और टी कलयारासी ने मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर को मुआवजे की राशि का भुगतान 2 महीने के भीतर करने का आदेश दिया है। तय डेट के अंदर अगर ग्राहक को मुआवजा नहीं दिया जाता है, तो मुआवजे की रकम पर हर साल 9 प्रतिशत का ब्याज देना होगा।
नंबर दोबारा अलॉट करने का क्या है नियम?
TRAI की गाइडलाइन्स के मुताबिक, टेलीकॉम ऑपरेटर किसी भी यूजर का नंबर तब बंद कर सकते हैं, जब ग्राहक ने अपने मोबाइल नंबर पर पिछले 90 दिनों से कोई रिचार्ज नहीं कराया हो और इनकमिंग भी बंद हो। इसके साथ-साथ नंबर से कोई भी कॉल 90 दिनों के अंदर नहीं किया गया हो और अकाउंट बैलेंस 20 रुपये से कम हो। लेकिन नंबर बंद करने से पहले टेलीकॉम ऑपरेटर को 15 दिनों का ग्रेस टाइम अलग से देना होता है। इसके बाद ही कंपनी उस नंबर को ब्लॉक करके किसी अन्य ग्राहक को इश्यू कर सकती है।
तामिलनाडु के यूजर की इस शिकायत में टेलीकॉम ऑपरेटर ने ग्राहक को 90 दिनों के बाद का ग्रेस टाइम नहीं दिया और सिम ब्लॉक करके किसी अन्य ग्राहक को यह नंबर अलॉट कर दिया। जिसके बाद यूजर ने रिड्रेशल कमीशन को इसकी शिकायत की।