सीबीआई की विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में जांच एजेंसी के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि किसी मामले में चर्चित (हाई प्रोफाइल) होने के आधार पर ही लोगों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता जब तक उसमें पर्याप्त कानूनी साक्ष्य नहीं हों। Also Read - OnePlus Nord 2T Sale: 12GB RAM, 256GB स्टोरेज वाले वनप्लस के नए फोन की पहली सेल, मिल रहे धांसू ऑफर्स
Also Read - 120Hz डिस्प्ले, 64MP कैमरा, 80W फास्ट चार्जिंग और 12GB तक RAM वाले iQOO Neo 6 पर भारी Discount, Amazon Sale में आया तगड़ा Offerसीबीआई ने इस मामले को ‘उच्च राजनीतिक भ्रष्टाचार’ का मामला बताया था जिससे अदालत बिलकुल प्रभावित नहीं दिखी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने राजनीतिक रूप से संवेदी इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई सहित अन्य को बरी कर दिया। Also Read - BSNL यूजर्स को झटका: महंगा हुआ ये प्लान, 5 प्लान्स की वैलिडिटी में हुई कटौती
अदालत ने कहा कि सीबीआई मीडिया में हो हल्ले तथा मामले की कथित व्यापकता की आड़ में आरोपों को सिद्ध करने के अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती।
अदालत ने 1552 पन्नों के अपने फैसले में कहा है,‘अपराध के बारे में बहुत बड़ी बड़ी बातें मामले के आखिर में काम नहीं आतीं। फैसले के दौरान तो कानूनी रूप से स्वीकार्य साक्ष्यों की ही जरूरत होती है।’ सीबीआई ने कहा कि था कि यह ‘उच्च राजनीतिक भ्रष्टाचार’ का मामला है। इस पर अदालत ने कहा कि ‘शून्य साक्ष्य’ के कारण वह मामले की प्रवृत्ति की बात से प्रभावित नहीं है।