यदि आप डिवाइस में अभी भी पास कोड के रूप में ‘पासवर्ड’ और ‘123456’ का उपयोग कर रहे हैं, तो दुनिया की कुछ सबसे लोकप्रिय वेबसाइट्स पर दी गई असंगत और भ्रामक सलाह के रूप में अपने आप को दोष न दें। नई रिसर्च के अनुसार, वास्तव में दुनिया की सबसे लोकप्रिय वेबसाइट्स अच्छा करने से अधिक नुकसान कर सकती हैं। Also Read - नॉर्थ कोरिया हैकर्स की वजह से ISRO's Chandrayaan 2 हुआ फेल!
अक्सर साइबर अपराधियों द्वारा उत्पन्न खतरों के खिलाफ यूजर्स के व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए पासवर्ड अपराधियों को उपलब्ध कराया जाता है। Also Read - दुनिया की सिर्फ 65 फीसदी कंपनियों में हैं साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ : गार्टनर
इंग्लैंड की प्लेमाउथ विश्वविद्यालय के एक अध्ययन ने यह बात सामने आई है कि 16 अंकों के पासवर्ड रखने वालों के आम लोगों के मुकाबले इस प्रकार के एनकाउंटर में पड़ने की अधिक संभानवा है। कंप्यूटर फ्रॉड एंड सिक्योरिटी में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि विभिन्न वेबसाइटों में दी जाने वाली सलाह में भिन्नता है। Also Read - गूगल की मूल कंपनी Alphabet ने साइबर सिक्योरिटी फर्म को 'Chronicle' नाम से किया लॉन्च
स्मार्टफोन यूजर्स की हर एक्टिविटी का स्क्रीनशॉट ले रहा है ये वायरस
इंटरनेट सिक्योरिटी फर्म TrendMicro के रिसर्चर्स ने एक ब्लॉग पोस्ट में कॉलर स्पाई वायरस के बारे में जानकारी दी है। उनके मुताबिक यह CallerSpy वायरस यूजर्स का डाटा चुराता है।
यह वायरस स्मार्टफोन में आते ही यूजर के फोन में हर एक्टिविटी का स्क्रीनशॉट लेते है, जिसका पता यूजर को नहीं चलता है। यह वायरस स्क्रीनशॉट को रिमोट सर्वर पर भेज देता है। किसी यूजर के फोन पर इंस्टॉल होने के बाद यह वायरस यूजर के फोन से कई तरह की डाटा चुराता है। इस तरह यूजर का डाटा हैकर्स तक पहुँच रहा है। रिसचर्स का यह भी कहना है कि हैकर्स इस डाटा को ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं।
ऐसे करें बचाव
इस तरह के वायरस से बचाव का तरीका है कि यूजर को अपने स्मार्टफोन में कोई भी ऐप Google Play Store से ही इंस्टॉल करनी चाहिए। इंटरनेट पर मौजूद थर्ड पार्टी ऐप स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करने के कई तरह के वायरस फोन में आ जाते हैं। इन वायरस की मदद से हैकर्स यूजर का डाटा चोरी करते हैं।