ब्रिटेन के वोडाफोन समूह ने आज इस बात की पुष्टि की कि उसकी भारतीय इकाई की आदित्य बिड़ला समूह की आइडिया सेल्युलर के साथ विलय को लेकर बातचीत कर रही है। यह पूर्ण शेयर सौदा होगा। इससे देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी सृजित होगी जिसके पास 43 प्रतिशत आय बाजार हिस्सेदारी होगी। Also Read - Jio ने Airtel, Vi, BSNL को छोड़ा पीछे, मार्च में यूजर्स को मिली 'सुपरफास्ट' डाउनलोडिंग स्पीड
Also Read - Vodafone को यूजर का नंबर बंद करना पड़ा महंगा, अब चुकाने होंगे 50 हजार रुपयेयह संयुक्त इकाई रिलायंस जियो से मिल रही चुनौती का मुकाबला कर सकेगी और मौजूदा बाजार की दिग्गज कंपनी को कड़ी टक्कर दे सकेगी। Also Read - Vi के इन नए प्लान के सामने फीके पड़े Airtel के ये तीन प्रीपेड प्लान, जानें किस पैक में मिलते हैं क्या बेनिफिट
हालांकि उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार विलय के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा नियामकीय मंजूरी और व्यवहारिक क्रियान्वयन चुनौतियों के रूप में आएगी। यदि यह सौदा हो जाता है तो विलय के बाद बनी कंपनी मोबाइल दूरसंचार क्षेत्र में एयरटेल को पीछे छोड़ते हुए देश की सबसे बड़ी इकाई होगी। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल नेटवर्क परिचालक वोडाफोन समूह के भारतीय कारोबार का देश की तीसरी सबसे बडóी सेल्युलर ऑपरेटर से विलय के बाद एक ऐसी कंपनी अस्तित्व में आएगी जिसके ग्राहकों की संख्या 39.5 करोड़ होगी। यह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक में शुमार होगी।
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ब्रिटेन की कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘वोडाफोन यह पुष्टि करती है कि वह आदित्य बिड़ला समूह के साथ विलय के बारे में बातचीत कर रही है। वोडाफोन इंडिया और आइडिया के बीच पूरी तरह शेयरों पर आधारित विलय की बात है। (इसमें वोडोफोन की इंडस टावर्स की 42 प्रतिशत हिस्सेदारी को अलग रखा गया है जो भारती और आइडिया के साथ संयुक्त उद्यम है)’’ बयान के मुताबिक जो भी विलय होगा उसमें वोडाफोन को आइडिया में नए शेयर जारी किए जाएंगे और इससे वोडाफोन इंडिया का विघटन होगा। कंपनी ने कहा कि यह निश्चित नहीं है कि इस सौदे पर सहमति बनेगी, न तो सौदे के समय के बारे में कुछ बताया जा सकता है।