Vi (Vodafone-idea): कुछ समय पहले प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटरों ने देश में अपने प्रीपेड प्लान की कीमतों में इजाफा किया था। कीमतों में बढ़ोतरी को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है और Vodafone Idea (Vi) एक बार फिर प्रीपेड प्लान की कीमतों में इजाफा करने की योजना बना रहा है। Also Read - Vi के 100 रुपये से कम के 5 बेस्ट प्लान, मिलता है OTT सब्सक्रिप्शन और बहुत कुछ...
Vi अब कब बढ़ाएगा कीमतें?
कंपनी के CEO रविंदर टक्कर ने अर्निंग कॉल के दौरान बताया है कि कंपनी 2022 या फिर 2023 में फिर से अपने प्रीपेड प्लान की कीमतों में बढ़ोतरी की योजना बना रही है। Vi का मानना है कि उनका 99 रुपये वाला प्रीपेड प्लान 4G ग्राहकों के लिए महंगा ऑप्शन नहीं है। Also Read - Vodafone Idea (Vi) ने दिखाया 5G का दम! ट्रायल में पाई 5.92 Gbps की डाउनलोड स्पीड
Vodafone Idea का सब्सक्राइबर चर्न रेट इस समय बहुत ज्यादा है। कंपनी की वित्त वर्ष 2022 के तीसरी तिमाही के लिए जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 के दूसरी तिमाही में सब्सक्राइबर चर्न रेट 2.9 प्रतिशत की तुलना में 3.4 प्रतिशत था। यह डेटा वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में समान होना चाहिए क्योंकि Vi के पास 4G नेटवर्क और सेवाओं के लिए Reliance Jio और Bharti Airtel के कैपेक्स लेवल के बराबर होने के लिए आवश्यक साधन नहीं हैं। Also Read - Airtel, Jio और Vi के यह हैं सबसे सस्ते डेली डाटा प्लान, मिलते हैं अनलिमिटिड कॉलिंग जैसे कई बेनेफिट्स
कीमतों में इजाफा से हुआ यह फायदा
रिचार्ज प्लान की कीमतों में इजाफा होने से कंपनी को Q2 FY22 में प्रति यूजर औसत राजस्व (ARPU) 109 रुपये से बढ़ाकर Q3 FY22 में 115 रुपये करने में मदद की मिली है। हालांकि, ग्राहक कंपनी के नेटवर्क से बहुत तेजी से बाहर जा रहे हैं। Vi को अपने नेटवर्क में निवेश करने के लिए फंड की जरूरत है। इसके लिए कंपनी पहले से ही संभावित निवेशकों के साथ बात कर रही है और प्रमोटरों से भी भविष्य में कुछ निवेश करने की उम्मीद की जा रही है।
PTI रिपोर्ट के अनुसार, टक्कर ने कहा कि Prepaid Plan की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच दो साल का अंतर था, जो बहुत लंबा है। इस बार कंपनी पहले से ही 2022 या 2023 में प्रीपेड प्लान का पैसा बढ़ाने की सोच रही है। मोतीलाल ओसवाल पहले ही कह चुके हैं कि Vi को ARPU (Average Revenue Per Unit) को 1.9 गुना बढ़ाने के लिए रिचार्ज प्लान की कीमतों को एक बार और बढ़ाने की जरूरत है ताकि कंपनी आत्मनिर्भर बन सके।