सुप्रीम कोर्ट ने आज 1 सितंबर को अपने फैसले में टेलीकॉम कंपनियों को बकाया एजीआर (AGR) चुकाने के लिए एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कंपनियों को राहत देते हुए बकाया AGR चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया है। कोर्ट ने कहा है कि 31 मार्च तक 2021 तक कंपनियों को AGR बकाया चुकाना होगा। इसके बाद बाकी का पैसा हर साल 7 फरवरी को एक इंस्टॉलेमेंट के रूप में देना होगा। आपको बता दें कि टेलीकॉम कंपनियों पर कुल 1.6 लाख करोड़ बकाया है। हालांकि टेलीकॉम कंपनियां सरकार से एजीआर चुकाने के लिए 15 से 20 साल का समय मांग रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे 10 साल रखा है।
इस फैसले का सबसे ज्यादा असर वोडाफोन आइडिया पर पड़ेगा, जिसे सबसे ज्यादा बकाया एजीआर की राशि है। भारती एयरटेल अपनी एजीआर का 40 पर्सेंट से ज्यादा बकाया दे चुका है। दरअसल जियो के आने के बाद से टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा कंसॉलिडेशन हुआ था, जिसके बाद अब इस सेक्टर में तीन प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां ही बची हैं। इनमें Relaince Jio, Airtel, Vodafone Idea के नाम शामिल हैं। सेक्टर में कंसॉलिडेशन के चलते वोडाफोन और आइडिया को अपना मर्जर करना पड़ा था। हालांकि कुछ रिपोर्टों में ऐसा भी कहा जा रहा है कि वोडाफोन आइडिया अपना बिजनेस बंद कर सकती है और अगर ऐसा होता है तो टेलीकॉम स्पेस में दो ही प्राइवेट टेलीकॉम बच जाएंगी। Also Read - Airtel ने लाइव की 5G सर्विस, आप भी कर सकते हैं एक्सपीरियंस
क्यों जरूरी है वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) का जिंदा रहना
किसी भी हेल्दी कॉम्पटीशन के लिए उस सेगमेंट में कॉम्पटीटर्स का रहना जरूरी होता है। लेकिन टेलीकॉम स्पेस में जियो की एंट्री के बाद से जो छोटी टेलीकॉम कंपनियां थी, उन्हें अपना बिजनेस बंद करना पड़ा। जहां पहले इस स्पेस में 10 से ज्यादा प्राइवेट कंपनियां थी, वहीं अब इनकी संख्या कम हो कर 3 ही रह गई है। अगर किसी सेगमेंट में एक या फिर दो कंपनियों का बोलबाला हो जाएं तो उस सेगमेंट में फिर वो कंपनियां अपनी मोनोपोली चलाती हैं, जो कंज्यूमर के लिहाज से बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। Also Read - 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया JioMeet वीडियो कॉलिंग ऐप
तो 1GB डाटा की कीमत हो जाएगी 200 रुपये
जी हां अभी जो 1GB डाटा आपको 5 रुपये से कम में मिल रहा है उसके लिए आपको 200 रुपये भी चुकाने पड़ सकते हैं। 200 रुपये का 1जीबी डाटा यह एक उदाहरण के लिए बताया जा रहा है। कीमत कंपनियां अपने हिसाब से कुछ भी ले सकती हैं। ऐसा तब हो सकता है अगर इस टेलीकॉम सेगमेंट में सिर्फ एक या दो कंपनियों का कब्जा हो जाएं। ऐसा होने पर कंपनियां अपना मार्जिन बढ़ा लेती हैं और वह कंज्यूमर के पक्ष में कम ही फैसला लेती हैं। हालांकि अगर सेगमेंट में ज्यादा कंपनियां रहती हैं तो वो कॉम्पटीशन में रहने के लिए कम मार्जिन पर काम करती हैं और ज्यादा से ज्यादा एडवांटेज कंज्यूमर को देती है। ऐसे में अगर टेलीकॉम स्पेस में Relaince Jio, Airtel, Vodafone Idea तीनों कंपनियां रहती हैं तो यह ग्राहकों के लिए फायदेमंद ही होगा। Also Read - Jio ने 11 रुपये वाला प्रीपेड प्लान किया रिवाइज, अब मिलेगा दोगुना से भी ज्यादा डेटा
मोबाइल बिल के लिए चुकाना होगा महंगा रेंटल
यह तो निश्चित तौर पर आप मानके चलिए कि जो प्राइस आप कॉलिंग और डाटा के लिए 2020 में दे रहे हैं वह आने वाले वर्षों में बढ़ेगा। लेकिन यह किराया कितना बढ़ेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कितनी कंपनियां टेलीकॉम स्पेस में बचती हैं। इसके अलावा आने वाले समय में इस सेगमेंट में किसी नई कंपनी का आना तो अब मुश्किल ही नजर आ रहा है। लेकिन इसे नामुमकिन नहीं कहा जा सकता है।